ईशनिंदा क़ानून | भारत में क्यों मांग (Blasphemy Law in Hindi)

ईशनिंदा कानून का अर्थ जिन देशों को अपना राजधर्म घोषित है, उन देशों में उस धर्म या उनके पूजनीय का अपमान करने पर सजा और जुर्माने का प्रावधान होता है। इसका सामान्य अर्थ आप समझ सकते है ईश्वर की निंदा यानी ईशनिंदा (Blasphemy Law)

मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ने कि ईशनिंदा कानून की मांग साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा पाकिस्तान चले जाओ
  • सऊदी अरब, ईरान और पाकिस्तान में ईशनिंदा कानून के तहत मौत की सजा का प्रावधान है।
  • ब्रिटिश शासन में भी ईश निंदा कानून था लेकिन सामान्य कानून के रूप में यदि कोई व्यक्ति किसी भी धर्म के कार्य में अड़चन पैदा करता है तो उसके लिए सदा का प्रावधान था।
  • इस कानून से बहुसंख्यक वर्ग अल्पसंख्यक पर अपने तौर तरीके थोपने का प्रयास कर सकते है।
  • मानवाधिकार संगठन ईशनिंदा कानून को मानव अधिकारों का हनन बताता है, और अभिव्यक्ति की आजादी का हनन करता है।

भारत और ईशनिंदा कानून

  • भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और एक धर्मनिरपेक्ष देश में ईशनिंदा कानून का होना अनिवार्य नही है मानवाधिकार संगठनों की बात करें तो जिन देशों में राजधर्म है वहां भी ये कानून नही होना चाहिए।
  • भारतीय संविधान में विचार और अभिव्यक्ति की आजादी दी गई है और इस निंदा कानून से विचार और अभिव्यक्ति की आजादी में खलल पड़ता है।
  • चुनाव के समय मुस्लिम पर्सनल बोर्ड ईशनिंदा कानून की मांग करता है।

यूरोपीय और विकसित देशों में ईशनिंदा कानून का हटना

  • फ्रांस, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों ने अपने देशों से ईशनिंदा कानून को हटाया।
  • ईश निंदा कानून समाप्त करें अभियान 1981 से चलता आ रहा है।
  • ज्यादातर यूरोपीय देशों में ईशनिंदा कानून नही है।
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