गुरु नानक देव सिखो के प्रथम गुरु और सिख धर्म के संस्थापक है। इसके साथ-साथ नानक देशभक्त, समाजसेवी और कवि थे। गुरु नानक का जन्म कार्तिक मास की पूर्णिमा को रावी नदी के तट पर तलवण्डी नाम के गांव में हुआ, जो फिलहाल पाकिस्तान में पड़ता है। इनके पिताजी का नाम मेहता कालूचंद खत्री और माता का नाम तृप्ता देवी था जो खत्री हिंदू कुल से संबंध रखते थे।
जहां गुरु नानक पैदा हुए उस जगह को ननकाना साहिब कहा जाता है जिसे सिख समुदाय के राजा महाराजा रणजीत सिंह ने बनाया था।
गुरु नानक जयंती को गुरपुरब के नाम से भी जाना जाता है इसका एक और नाम है वो है प्रकाश पर्व सभी को गुरु नानक देव की जयंती पर कार्तिक मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। 2021 में गुरपुरब को 19 नवम्बर 2021 को मनाया जायेगा।
नाम | गुरु नानक देव (Guru Nanak Dev) |
जयंती किस दिन है? | 17 नवंबर 2011, कार्तिक मास की पूर्णिमा को |
जन्म तिथि और स्थान | 15 अप्रैल 1469, ननकाना साहिब, पंजाब, पाकिस्तान (कार्तिक पूर्णिमा, संवत् 1527) |
स्वर्गवास | 22 सितंबर 1539 करतारपुर, पाकिस्तान |
धर्म | सिख धर्म के संस्थापक (हिंदू धर्म में बड़े बेटे को सिख बनाना हिंदू धर्म की रक्षा करना) |
पत्नी का नाम | सुलक्खनी देवी |
माता पिता का नाम | लाला कल्याण राय, (पिता) तृप्ता देवी जी (माता) |
बच्चो के नाम | श्री चंद, लख्मी दास |
गुरु नानक एक बार जा रहे थे,लेकिन उन्होंने देखा एक स्त्री रो रही है उन्होंने उससे रोने का कारण पूंछा तो बताया की मेरे हाथ में जो मेरा बच्चा है वह मर जायेगा। तो गुरु नानक जी ने पूंछा की को मर जायेगा तब स्त्री ने बताया अबतक उसके सारे बच्चे मर गए है यह भी मर जायेगा तब नानक जी ने उसे गोद में लिया और कहा इसे मुझे दे दो और स्त्री अपने बच्चे को गुरु नानक जी को देने को तैयार हो गई। उन्होंने उसे गोद में लिया और वापस स्त्री को दे दिया और कहा अभी इसे अपने पास रखा मुझे जरुरत होगी तब मैं इसे ले जाऊंगा बाद में जाकर वह बच्चा गुरु नानक देव जी का अच्छा दोस्त और शिष्य मरदाना बना।
सिख धर्मके संस्थापक गुरु नानक की बहन का नाम नानकी था। जो उनके भाई के नाम से काफी मिलता जुलता था।
गुरु नानक सिख धर्म के लिए चारो तरफ घूम घूम कर उपदेश देने लगे। इन्होंने चार देशों की यात्रा की इन्हे चार यात्रा चक्र कहा जाता है जिसमे भारत, अफगानिस्तान, अरब और फारस गए गुरु नानक जी की इन यात्राओं को उदासियाँ कहा जाता है।
गुरु पर्व , प्रकाश पर्व और गुरु नानक जयंती एक ही है इन्हे सिख धर्म के संस्थापक नानक जी की जयंती पर मनाया जाता है। जो कार्तिक मास की पूर्णिमा होती है। 2021 में पूर्णिमा 19 November को पड़ने वाली है।
भारत के हिंदी साहित्य में गुरु नानक देव जी का महत्वपूर्ण स्थान है इनका काल भक्तिकाल है जिसमे ये निर्गुण धारा के ज्ञानाश्रयी शाखा के कवि है।
भक्तिभाव से परिपूर्ण होकर गुरु नानक देव जी जो भजन गाया करते थे उनका संग्रह गुरु ग्रंथ साहिब में किया गया है।
आप सभी को गुरु पर्व, प्रकाश पर्व आप जो भी कहे गुरु नानक जयंती 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं।
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