यति नरसिंहानंद सरस्वती जीवनी जूना अखाड़ा महामंडलेश्वर | yati narsinghanand saraswati Biography biography in Hindi

यति नरसिंहानंद सरस्वती वर्तमान में जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर हैं, और डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती हिंदू धर्म को बचाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहे है। और हिन्दू धर्म को बचाने के लिए इन्होंने सपा सरकार के खिलाफ कई लड़ाईयां लड़ी और सफल भी हुए।

यति नरसिंहानंद सरस्वती जीवन परिचय

यति नरसिंहानंद सरस्वती का जन्म 2 मार्च 1963 को भारत के राज्य उत्तर प्रदेश में हुआ। इनके पिताजी स्वतंत्रता संग्राम में कांग्रेस के साथ थे और बाद में रक्षा मंत्रालय में भी उन्होंने काम किया। इनकी माताजी एक कुशल ग्रहणी थी।

नाम यति नरसिंहानंद सरस्वती (yati narsinghanand saraswati)
पदजूना अखाड़ा महामंडलेश्वर,
डासना मंदिर महंत
प्रशद्धि हिंदुत्व की रक्षा
जन्म तिथि2 मार्च 1963
जन्म स्थानउत्तर प्रदेश
शिक्षा मॉस्को इंस्टिट्यूट ऑफ केमिकल मशीन बिल्डिंग, मास्टर्स की डिग्री
अवार्डऑल यूरोप ओलंपियाड में उन्हें गणित का विजेता

यति नरसिंहानंद सरस्वती और ध्रुव त्यागी मामला

दिल्ली का ध्रुव त्यागी मामले में उनकी बेटी से कुछ मुस्लिम लडको ने छेड़खानी की और फिर उनके विरोध करने पर उनको मार दिया तब यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उस मामले में दखलंदाजी कर उस मामले में ध्रुव त्यागी को न्याय दिलवाया।

गुर्जर और यादव लड़ाई और यति नरसिंहानंद सरस्वती

एक बार गुर्जर और यादव लड़ाई में इन्होंने दोनो का सुलह करवाया और गुर्जरों और यादवों को एक ही मां की दो संताने बताया और कहा ऐसे आपस में लड़ने से हमारी ताकत कमजोर होगी और उसका फायदा हिंदू विरोधी ताकत उठा सकती है।

यति नरसिंहानंद सरस्वती कौन है?

यति नरसिंहानंद सरस्वती जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर है, और हिंदू धर्म के रक्षकों में से एक है।

यति नरसिंहानंद सरस्वती फोटो?

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