भारत में संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है, इस दिन सविधान दिवस को मनाने का कारण है कि भारतीय संविधान सभा द्वारा इसी दिन बनकर तैयार हुआ था। लेकिन उसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया।
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जैसा की आप सभी को पता है संविधान दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है क्योंकि हमारा संविधान इसी दिन बनकर तैयार हुआ था। हमारे देश में सरकार या सभी से बड़ा पद जिसे दिया गया है वो संविधान है। हालांकि जनता को संविधान से भी सर्वोच्च का दर्जा दिया गया है। आज हम अपने संविधान के बारे में जानेंगे।
हमारा भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित और निर्मित संविधान है। इसे हमने लिखा है और इसका निर्माण भी भारतीय जनता ने किया है।
भारतीय संविधान के अनुसार जनता को यह अधिकार दिया गया है कि वह अपने ऊपर शासन करने वाली सरकार को स्वयं चुन सकते है।
भारतीय संविधान में मुख्य रूप से छह मौलिक अधिकार और अप्रत्यक्ष रूप से अनेक मौलिक अधिकार दिए गए हैं। आपने यह कथन तो सुना ही होगा कि मौलिक अधिकारों के बिना हमारा संविधान शून्य हो जाएगा।
भारतीय संविधान व्यवस्था करता है कि न्यायपालिका पर किसी भी प्रकार का कोई दबाव ना हो और उसे स्वतंत्र करने के लिए अनेक उपाय भी करता है। न्यायपालिका हमेशा राजनीति और सरकार से दूर रहना चाहिए और निष्पक्ष तरीके से कार्य करनी चाहिए इसकी व्यवस्था भी हमारा संविधान करता है।
भारतीय संविधान में एकल राष्ट्रीयता का अर्थ है कि हमारे यहां राज्य और केंद्र की अलग-अलग नागरिकता नहीं दी जाती बल्कि सभी नागरिक भारतीय कहलाते हैं। जबकि अमेरिका और स्विट्जरलैंड जैसे अन्य देशों में उनके राज्य की नागरिकता भी दी जाती है उनके पास दोहरी यात्री नागरिकता होती है।
भारतीय संविधान को लचीला और कठिन का मिश्रण माना जाता है, क्योंकि इसमें कुछ प्रावधान ऐसे हैं जिन्हें आप आसानी से संशोधन कर सकते हैं जबकि कुछ प्रावधान ऐसे ही जिस में संशोधन करना बहुत ही कठिन है।
वैसे तो हमारे संविधान में राज्यों को भी कुछ शक्तियां दी गई है लेकिन अंतिम शक्ति केंद्र के हाथ में हैं। सभी सूचियों पर केंद्र सरकार कानून बना सकती है और संघ लोक सेवा आयोग केंद्र का होते हुए राज्य में काम करते है इसके कारण केंद्र राज्य से ज्यादा मजबूत नजर आते है।
भारतीय संविधान के प्रस्तावना को संविधान का शहर कहा जाता है और संविधान का उद्देश्य भी कहा जाता है और इसका नाम उद्देशिका भी है। लिंक पर क्लिक कर आप ज्यादा जानकारी ले सकते है।
हम आज देश में सुख शांति से जिस चीज की बदौलत रह रहे हैं वह है हमारे देश का संविधान। लेकिन संविधान सर्वोच्च नहीं है जनता को संविधान ने भी अपनी से ऊपर सर्वोच्च रखा है। सविधान दिवस के दिन हम सभी को अपने अड़ोस पड़ोस के लोगों को जागरूक करना चाहिए कि हमारे क्या तो मूल कर्तव्य है और क्या मूल अधिकार।
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