मसरूर मंदिर | हिमालय का पिरामिड (Masrur Temple In Hindi)

मसरूर मंदिर (Masroor Temple) भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य में व्यास नदी के किनारे कांगड़ा घाटी में पहाड़ के शिलाखंड को काटकर (Rock Cut) बनाया गया वास्तुकला (Architecture) का एक अद्भुत नमूना है। ये 8 वी शताब्दी में बनाएं गए हिंदू धर्म के भगवान शिव और विष्णु मंदिर है।

अवस्थित कांगड़ा घाटी, हिमाचल प्रदेश
निर्माण 8 वी शताब्दी
शैली नागर
खोजहेनरी शटलवर्थ द्वारा (1913)
स्वतंत्र सर्वेक्षण1915 (हेरोल्ड हरग्रीव्स द्वारा)
समर्पित देवी देवताशिव और विष्णु भगवान
भूकंप से क्षतिग्रस्त1905 ई.
दूसरे अन्य नामछोटी एलोरा या हिमाचल का एलोरा

निर्माण

माना जाता है की सबसे पहले मंदिर का निर्माण पांडवो ने करवाया लेकिन बाद में कटोच राजवंश द्वारा निर्मित भी इसे माना जाता है।

मंदिर परिसर

वर्तमान में मंदिर परिसर जीवंत रूप में मिलता है शोधकर्ताओं को पता चला है की जब मंदिर को बनाया जाना था उनकी सोच बहुत आगे की थी लेकिन मंदिर परिसर अधूरा है और रहा सहा भूकंप और प्राकृतिक आपदाओं से घिरा पड़ा है।

प्रवेश द्वार

मंदिर के उत्तर-पूर्व, दक्षिण-पूर्व और उत्तर-पश्चिम की ओर तीन प्रवेश द्वार हैं, जिनमें से दो अधूरे हैं और एक पूरा है। और पता चलता है की एक द्वार बनाने की योजना बनाई गई और बाद में उसे रोक दिया गया।

कैसे पहुंचे मशरूर मंदिर

  • हवाई यात्रा :- गग्गल हवाई अड्डा मसरूर मंदिर से 35.6 किमी दूरी पर स्थित है। जिसका संपर्क नंबर 01892-232374 है।
  • रेल यात्रा :- दौलतपुर चौक मसरूर का सबसे निकट रेलवे स्टेशन है। जिसका संपर्क नंबर 01862-22041 है।
  • सड़क यात्रा :- मसरूर मंदिर कांगड़ा दिल्ली से 500 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

क्या आप जानते हैं?

  • यह इंडो आर्य शैली के 15 मंदिर बनाए गए है जिनमे एक ही पत्थर को तरासा गया है।
  • मंदिर वास्तुकला पर हिंदू ग्रंथों के अनुसार बनाए गए थे और इस प्रकार पानी का एक पवित्र कुंड भी है।
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