राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस (National Civil Service Day) भारत में हर साल 21 अप्रैल को मनाया जाता है। इसका उद्देश्य सभी लोक सेवकों को अपने कामों के लिए सहारना और उनको इनाम देकर प्रोत्साहित करने के साथ- साथ उन्हे अपने काम के प्रति प्रेरित किया जाता है।
दिवस का नाम (Name Of Day) | सिविल सेवा दिवस (Civil Service Day) |
दिनांक (Date) | 21 अप्रैल |
अब कब आने वाला है? | 21 अप्रैल 2022, गुरुवार |
शुरुआत | 21 अप्रैल 2006 |
सिविल सेवा दिवस का इतिहास (Civil Service Day History In Hindi)
- भारत सरकार ने साल 2006 से राष्ट्रीय नागरिक सेवा दिवस मनाने का फैसला लिया और 21 अप्रैल 2006 को विज्ञान भवन में तत्कालीन प्रधानमंत्री ने इसका शुभारंभ किया।
राष्ट्रीय नागरिक सेवा दिवस का इतिहास तब शुरू होता है जब भारत के लौह पुरुष कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 21 अप्रैल 1947 को अखिल भारतीय सेवाओं का उद्घाटन किया।
भारतीय लोक सेवा दिवस ( Indian Civil Servants day) कैसे मनाया जाता है?
- सिविल सर्विस दिवस को केंद्र और राज्य सरकार के सभी कर्मचारियों द्वारा साल भर में किए गए असाधारण कार्यों के लिए उन्हें सम्मानित किया जाता है।
- सभी Civil Servents आने वाली योजनाओं पर विचार करके अपना मत बताते है।
- कई शिक्षण संस्थानों आदि में सिविल सर्वेंट्स को आमंत्रित किया जाता है जहां वे अपने द्वारा किए गए कार्यों के बारे में और तैयारी के समय आई कठिनाइयों के बारे में बताते है।
सिविल सेवको के लिए सरदार पटेल द्वारा कोट्स (Quotes)
“सबसे ऊपर, मैं आपको सलाह दूंगा कि आप प्रशासन की पूरी निष्पक्षता और अविनाशीता बनाए रखें। एक सिविल सेवक राजनीति में भाग नहीं ले सकता और न ही उसे भाग लेना चाहिए। न ही उसे खुद को सांप्रदायिक झगड़ों में शामिल करना चाहिए।”
सरदार पटेल
”धर्म के मार्ग पर चलो – सत्य और न्याय का मार्ग। अपनी वीरता का दुरुपयोग न करें। एकजुट रहें। पूरी विनम्रता के साथ आगे बढ़ें, लेकिन अपने अधिकारों और दृढ़ता की मांग करते हुए, आपके सामने आने वाली स्थिति के प्रति पूरी तरह से जाग्रत रहें।”
सरदार बल्लभ भाई पटेल
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