international astronomical union प्राग सम्मेलन 2006 के अनुसार सौरमंडल के पिंडो की तीन श्रेणियां है।
परंपरागत ग्रह
परंपरागत ग्रहों की संख्या 8 है जो निम्नलिखित है।
- बुध
- शुक्र
- पृथ्वी
- मंगल
- बृहस्पति
- शनि
- अरुण
- वरुण
बोने ग्रह
यह अन्य ग्रहों की परिक्रमा नही करते है जो निम्नलिखित है, इनकी संख्या का अनुमान नही लगाया जा सकता।
- प्लूटो
- सेरस
ग्रह की परिभाषा या ग्रह किसे कहा जा सकता है?
anu के प्राग सम्मेलन से ग्रह उसे कहा जायेगा जो निम्नलिखित शर्ते पूरा करते है।
- वह पिंड जो सूर्य की परिक्रमा करे।
- वह पिंड जिसका रूप गोल हो और उसका स्वयं का गुरुत्वाकर्षण बल हो।
- आसपास का क्षेत्र साफ हो या उसके बिल्कुल नजदीक खगोलीय पिंड ना हो उसे ग्रह की श्रेणी में रखा जाएगा।
इन्ही नियमो के कारण यम को बोने ग्रह की श्रेणी में रखा गया है।
पार्थिव या आंतरिक गृह
जो ग्रह मंगल और उससे पहले आते है आंतरिक गृह कहलाते है ये ग्रह ठोस पाए जाते है। इनकी संख्या चार है जो निम्नलिखित है।
- बुध
- शुक्र
- पृथ्वी
- मंगल
बृहस्पति या बाह्य ग्रह
मंगल ग्रह के बाद आने वाले ग्रहों को बाह्य ग्रह कहा जाता है, ये ज्यादातर गैस से बने होते है इनकी संख्या भी चार है जो निम्नलिखित है।
- बृहस्पति
- शनि
- अरुण
- वरुण
नंगी आंखों से देखे जा सकने वाले ग्रह
मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र और शनि पांचों ग्रहों को नंगी आंखों से देखा जा सकता है।
आकर में घटते क्रम में गृह
बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण, पृथ्वी, शुक्र, मंगल और बुध आकार के आधार पर घटते क्रम में है।