Bala Saheb Thackeray Biography, Net Worth, Son Name, Date Of Death, Speech, Family, Father, Political Career In Hindi इसकी जानकारी मिलेगी और आपको बाला साहेब के बारे में सब जानने को मिलेगा।
Bala Saheb Thakre: बाला साहेब ठाकरे का पूरा नाम बाल केशव ठाकरे था, कट्टर हिन्दू नेता की छवि पा चुके बाल ठाकरे साहब ने अपनी पार्टी शिव सेना का गठन किया। वे शुरुआत में एक कार्टूनिस्ट थे और बाद में अपना खुद का अखबार सामना निकला। इनके उपनामों में हिंदू हृदय सम्राट कहा जाता है।
आज हम जानेंगे बाला साहब ठाकरे (Bala Saheb Thackeray) के संपूर्ण जीवन के बारे में फोटो और लेख को मदद से तो कृपया पूरा पढ़े।
Bala Saheb Thackeray (Bal Thackeray) Interview In Hindi
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बाला साहब ठाकरे जीवनी | Bala Saheb Thakre Biography In Hindi
नाम और उपनाम (Name & Nickname) | बाल केशव ठाकरे, बाल ठाकरे, बाला साहेब ठाकरे, हिंदू हृदय सम्राट |
राजनीतिक दल (Political Party) | शिवसेना के संस्थापक और अध्यक्ष |
जन्म का समय और स्थान (Date Of Birth & Place) | 23 जनवरी 1926, पुणे, महाराष्ट्र, हिंदुस्तान |
मृत्यु का स्थान और समय (Date Of Death & Place) | 17 नवम्बर 2012, मुंबई, महाराष्ट्र |
पत्नी और शादी की साल (Wife & Marriage Year) | मीना ठाकरे (सरला वैद्य) 13 जून 1948 को |
माता पिता का नाम (Parents Name) | रमाबाई ठाकरे (माता), केशव सीताराम ठाकरे (पिता) |
पुत्रो के नाम (Sons Names) | बिन्दुमाधव ठाकरे, जयदेव ठाकरे, उद्धव ठाकरेे 3 बेटे थे। |
पेशा (Profession) | पत्रकार, कार्टूनिस्ट, राजनेता |
बहन का नाम (sister’s name) | संजीवनी करंदीकर |
प्रसिद्धि (Famous) | हिंदू और मराठी नेता के रूप में |
बाला साहेब ठाकरे के भाषण | Bala Saheb Thackeray speech in Hindi
बाल ठाकरे ने बिहारियों को बताया बोझ
बाला साहेब हिंदू आतंकवाद की वकालत करते थे
बाला साहेब को ठाकरे सरनेम
बाला साहेब ठाकरे के पिताजी केशव ठाकरे वेनिटी फ़ेयर नामक किताब के लेखक विलियम मेकपीस ठेकरे के बहुत प्रसंशक और मुरीद थे जिसके कारण उन्होंने अपना सरनेम ठेकरे रख लिया जो बाद में बदलकर ठाकरे हो गया और वो उनकी आने वाली पीढ़ी में भी है। जैसे उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे आदि।
बाला साहेब निजी जीवन
बाल ठाकरे जी का जन्म 23 जनवरी 1927 को पुणे ब्रिटिश भारत में हुआ उनके पिताजी का नाम केशव सीताराम ठाकरे और माता का नाम रमाबाई था। बाद में केशव सीताराम ठाकरे ने अपना नाम बदलकर प्रबोधंकर रख लिया बाला साहेब की 4 बहने थी तब जाकर Bal Thackeray पैदा हुए। बाला साहेब के और भी भाई थे लेकिन उनका स्वभाव निडर और अपने मन की करने की शक्ति और सरकारी नौकरी ना करने का प्रण उनके पास ही था।
महाराष्ट्र सिर्फ मराठियों का है।
बाला साहेब ठाकरे, शिव सेना संस्थापक
बाला साहेब राजनीतिक जीवन
जगह मुंबई का शिवाजी पार्क साल 1966 बाल ठाकरे ने अपनी पार्टी शिव सेना की स्थापना की लेकिन वो शिवसेना शिव जी वाली नही महान हिंदू सम्राट वीर शिवाजी के नाम की है।
“अगर मैं प्रधानमंत्री बनूंगा तो सबसे पहले कश्मीर को साफ करूंगा और जो भी पाकिस्तानी और बांग्लादेशी भारत में आए है उन पर मुकदमा नहीं चलेगा बल्कि उन्हें गोली मर दी जाएगी। “
— बाल ठाकरे, हिंदू हृदय सम्राट
बाला साहेब ठाकरे को वोट डालने से प्रतिबंधित कर दिया
28 जुलाई 1999 को भारतीय चुनाव आयोग ने बाल ठाकरे को नफरत और डर की राजनीति करने के कारण वोट डालने और चुनाव लडने पर रोक लगा दी गई। लगातार 6 साल राजनीति से दूर रहने के बाद बाला साहेब ठाकरे ने 2005 में वोट डाला।
वेलेंटाइन डे के विरोधी से बाल ठाकरे
बाल ठाकरे वेलेंटाइन दिवस के घोर विरोधी थे क्योंकि वो इसे हिंदू संस्कृति का विरोधी मानते थे। उन्होंने होटल में तोड़फोड़ और युगलों को सार्वजनिक स्थलों पर न बैठने की सलाह दी जिसके कारण उनका काफी विरोध हुआ।
बाला साहेब ठाकरे का अंतिम संस्कार की कहानी
बाला साहेब को खराब स्वस्थ और सांस लेने में तकलीफ के चलते 25 जुलाई 2012 को मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती करवाया गया। चिकित्सकीय आंकड़ों के अनुसार उनकी मृत्यु ह्रदय की गति रुक जाने से हुई।
समय था 17 नवम्बर 2012 जगह शिवाजी पार्क मुंबई लाखो लोगो की भीड़ इकट्ठा हुई और एक आवाज आती बाला साहेब ठाकरे दूसरी और से लोग कहते अमर रहे। उस दिन मुंबई जैसे बड़े शहर के सभी मार्केट बंद थे, सबको डर था की ये 5 लाख की भीड़ कही मुंबई में कुछ कर ना दे। यहां तक की 2 लड़कियां सिर्फ इसलिए गिरफ्तार कर ली गई क्योंकि उन्होंने मुंबई बंद होने की खबर फेसबुक पर लिखी थी।
बाला साहेब ठाकरे ना किसी राज्य के मुख्यमंत्री थे न सांसद लेकिन फिर भी उन्हें 21 तोपो की सलामी दी गई जो भारत में सिर्फ राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को दी जाती है।
इनके अंतिम संस्कार में लालकृष्ण आडवानी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, नितिन गडकरी, मेनका गांधी, प्रफुल्ल पटेल और शरद पवार जैसे राजनेता और मुकेश अंबानी जैसे बिजनेस मैन और अमिताभ बच्चन जैसे अभिनेता पहुंचे।
बाल ठाकरे के बारे में रोचक तथ्य
- बाला साहेब ठाकरे जी ने अपने पूरे जीवन में कभी भी चुनाव नही लड़ा और ना ही कोई राजनीतिक पद प्राप्त किया लेकिन उनकी मौजूदगी में वे मुंबई की राजनीति में अहम भूमिका निभाते थे।
- साल 1960 में उन्होंने अपनी पॉलिटिकल मैगजीन मार्मिक की शुरुआत की और 1989 में अपनी पार्टी की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए सामना अखबार निकाला।
- बाला साहेब ठाकरे जाति प्रथा के घोर विरोधी और सभी को हिंदू मानते थे।
- बाला साहेब ठाकरे अपने बयानों के कारण हमेशा अखबारों की सुर्खियों में रहते और इसी कारण इनपर सैकड़ों मुकदमे दर्ज थे।
- बाल ठाकरे हमेशा अपने पाकिस्तान और मुस्लिम विरोधी भाषणों के लिए जाने जाते हैं उन्होंने एक बार मुस्लिम समुदाय को कैंसर कह दिया था।
- जर्मनी के तानाशाह हिटलर और श्रीलंका के आतंकी संगठन लिट्टे की तारीफ बाला साहेब खूब किया करते थे इसके कारण भी ये काफी चर्चा में रहे।
- बाल ठाकरे जी जीवन के शुरुआती सालों में टाइम्स ऑफ़ इंडिया के लिए कार्टून बनाते थे।
bal thackeray biography FAQ
बाल ठाकरे अपने जीवन की शुरुआत कार्टूनिस्ट के रूप में की और बाद में उन्होंने मार्मिक और सामना नामक अखबार निकाले। और आप इस कहानी में जानेंगे की वो कैसे महाराष्ट्र के दमदार नेता बनके उभरे। कहानी पढ़े Jodhpurnationaluniversity.com पर।
बाला साहेब ठाकरे ने एक बार कहा था की हिजड़े झुकते है सोनिया गांधी के सामने और उनके ऐसे ही बहुत सारे किस्से कहानियां आपको Jodhpurnationaluniversity.com वेबसाइट पर मिल जाएंगे।
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