भानगढ़ दुर्ग, अलवर की फोटो, कहानी और इतिहास | Bhangarh Fort Images, Story & History In Hindi

भानगढ़ का किला राजस्थान के अलवर जिले में स्थित एक पहाड़ी दुर्ग है। जिसे राजा मान सिंह(प्रथम) के छोटे भाई माधो सिंह ने 16वी शताब्दी में अपने दादाजी भान सिंह के नाम पर बनवाया था। यह सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान की सीमाओं पर स्थित है।

आज हम इस किले के बारे में इतिहास और डरावनी कहानियां जानेंगे।

bhangadh Fort In Hindi Alwar Rajasthan history story
दुर्ग का पता (Fortress Address)भानगढ़ दुर्ग, अलवर, राजस्थान
दुर्ग का प्रकार पहाड़ी किला
स्वामित्व राजपूत राजा (वर्तमान में भारत सरकार)
जाने की अनुमति हां, सूर्यास्त के बाद नही जाया जा सकता
निर्माण वर्ष 1613 ईस्वी
निर्माण करवाने वालेमाधो सिंह प्रथम
प्रसिद्धि शापित किला
किस से बना हैईट और पत्थर
राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ दुर्ग का परिचय

भानगढ़ किले का इतिहास

अकबर के दरबार में नौ रत्नों में से एक महाराज मान सिंह के भाई माधव सिंह ने भानगढ़ के किले का निर्माण सुरभि शताब्दी में करवाया था। इसमें पहले लोग भी रहा करते थे लेकिन शापित होने के कारण सभी लोगो ने इसे छोड़ दिया।

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भानगढ़ किले के बारे में कहानियां

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बालूनाथ नाम का एक तपस्वी भानगढ़ किले के पास रहा करता था जब माधो सिंह इस किले का निर्माण करवा रहे थे तो उसने चेतावनी दी थी की किले की छाया उसके आवास पर ना पड़े लेकिन किला बनने के बाद उसकी छाया उसके आवास पर जाने लगी और उसने किले सहित पूरे भानगढ़ को अपनी चपेट में ले लिया।

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एक दूसरी कहानी रत्नावती नामक राजकुमारी की इसके अनुसार भानगढ़ में रत्नावती नाम की एक सुंदर राजकुमारी रहती थी एक बार एक तपस्वी आया और उसे रत्नावति बहुत भा गई और उसने बाजार से राजकुमारी रत्नावती के तेल पर ऐसा जादू कर दिया की जिसपर भी ये तेल लगेगा वो स्वयं उड़कर उस तांत्रिक तपस्वी के पास आ जाए जिसका आभास राजकुमारी को पहले ही हो गया जिसके कारण राजकुमारी रत्नावती ने उस तेल को शिलाखंड पर डाल दिया और वह शिला उड़कर उस तांत्रिक के ऊपर जा गिरी लेकिन मरते मरते उसने भानगढ़ किले को श्राप दे दिया।

भानगढ़ दुर्ग के बारे में रोचक तथ्य (Amazing Facts)

  • सूर्यास्त के बाद भानगढ़ किले में किसी भी व्यक्ति के प्रवेश की अनुमति नहीं है और कई लोगो के वहां से गायब होने की घटनाएं भी सामने आई है।
  • यहां आने वाले विदेशी पर्यटक बहुत ज्यादा गायब होने लगे जिसके कारण विदेशी पर्यटकों को यहां विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है।
  • भानगढ़ में किसी भी घर के ऊपर छत नहीं है सभी घरों के ऊपर आदि छत है और जिनके घरों के ऊपर छत पर आई गई है वह ढह जाती है।
  • भानगढ़ किले के आसपास 6 मंदिर हैं जिनमे हिंदू देवी देवताओं की पूजा की जाती है।
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भानगढ़ किले में जाने का सबसे सही समय?

भानगढ़ दुर्ग में आपको गर्मियों के दिनों में जाना चाहिए लेकिन आपको सूर्योदय के बाद जाना और सूर्यास्त के पहले ही वहां से निकल लेना चाहिए।

क्या भानगढ़ किले में रात को नगर वासियों की आत्माएं रहती है?

किवदंतियों के अनुसार भानगढ़ किले में रात में नगर वासियों की आत्माएं रहती है अगर नर्तकी की आत्मा नाचती है।

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