भारत रत्न बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर

भीमराव रामजी अम्बेडकर (Bhimrao Ramji Ambedkar) स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री और दलित नेता थे जिन्होंने भारतीय आजादी के लिए भी अहम भूमिका निभाई। बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891, महू में हुआ और इनकी मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को मात्र 65 वर्ष की उम्र में दिल्ली में हुई थी। 

  • भीमराव रामजी आंबेडकर का जन्म महार जाती में हुआ जो हिंदू धर्म की जाती व्यवस्था में सबसे निचले वर्ण शुद्र में आती है जिन्हे अछूत (दलित) माना जाता है। निचली जाति में पैदा होने के कारण इन्हें शुरुआत से ही अत्याचार का सामना करना पड़ा और समाज से ही इन्हे दलितों के लिए लड़ने की प्रेरणा मिली। 
  • 14 अक्टूबर 1956 को बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने अपना धर्म हिंदू से छोड़कर बौद्ध अपनाया। हिंदू धर्म पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा था मैं हिंदू के रूप में पैदा हुआ हूं लेकिन हिंदू के रूप में मरूंगा नहीं, कम से कम यह तो मेरे वश में है। 
  • बी. आर. अंबेडकर को भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार साल 1990 में मिला इनको भारत रत्न मरणोपरांत दिया गया था। 
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डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती | Dr. B.R. Ambedkar Jayanti

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भीमराव रामजी आंबेडकर (Bhimrao Ramji Ambedkar)
जन्म तिथि और स्थान (Date And Place Of Birth) 14 अप्रैल 1891 महू, मध्य प्रांत, ब्रिटिश भारत (वर्तमान में अंबेडकर नगर, मध्य प्रदेश)
उम्र (Age) 65 वर्ष
पत्नियों का नाम रमाबाई आम्बेडकर (विवाह 1906), डॉ॰ सविता आम्बेडकर (विवाह 1948)
बच्चे (Children) यशवंत अंबेडकर
भारत रत्न (Education) साल 1990 में मरणोपरांत
उपनाम बाबासाहेब
प्रसिद्धि दलितों के लिए आंदोलन, संविधान का मसौदा तैयार करने के लिए, दलित बौद्ध धर्म आंदोलन
पेशा (Profession) विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, राजनीतिज्ञ, समाज सुधारक, मानव विज्ञानी और लेखक
शिक्षा मुंबई विश्वविद्यालय से बीए और एमए, कोलंबिया विश्वविद्यालय से एम.ए. पीएचडी, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से एम.एससी. और डी. एससी , ग्रे इन से बैरिस्टर एट लॉ
राजनीतिक दल अनुसूचित जाति संघ और स्वतंत्र लेबर पार्टी
मृत्यु का स्थान और समय 6 दिसंबर 1956 (आयु 65) नई दिल्ली , भारत

भारत रत्न बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर का जीवन परिचय | Bhimrao Ambedkar Biography In Hindi

  • भारतीय संविधान के निर्माण में बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अहम भूमिका निभाई जिसके कारण इन्हें संविधान का निर्माता भी कहा जाता है। 
  • भारत रत्न डॉक्टर भीमराव अंबेडकर का जन्म  14 अप्रैल 1891 को महू, मध्यप्रदेश में रामजी मालोजी सकपाल (पिता) और भीमाबाई (माता) की 14 वीं संतान थे जिनके जन्म से एक साल के अंदर ही माता भीमाबाई की मृत्यु हो गई थी। 
  • भीमराव अंबेडकर का जन्म एक गरीब दलित परिवार में हुआ जिसके कारण म अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ा इनका परिवार ब्रिटिश सेना में था इनके पिताजी सूबेदार पद तक महू छावनी में थे। 
  • अंबेडकर सरनेम मिलने की कहानी:- स्कूल में सभी छात्र और टीचर भीमराव अंबेडकर से दूर रहते लेकिन एक शिक्षक (गुरु) महादेव अंबेडकर उनको काफी प्रेम किया करते थे जिसके कारण उन्होंने अपने नाम से सकपाल हटाकर अंबेडकर कर लिया था। हालांकि कुछ लोग उनके गांव के नाम 'अंबावडे' को भी उनके सरनेम का कारण मानते है। 
  • साल 1906 में भीमराव अंबेडकर की शादी रमाबाई आम्बेडकर से हुई जब रमाबाई की उम्र मात्र 9 वर्ष थी जिसके बाद इन दोनो का एक बेटा यशवंत अंबेडकर हुआ। 
  • 15 अप्रैल 1948 को अंबेडकर ने अपना विवाह एक ब्राह्मण स्त्री शारदा कबीर से हुआ लेकिन उन्होंने शादी के बाद नाम बदलकर सविता अंबेडकर कर लिया और बी. आर. अंबेडकर के साथ अपना धर्म भी बौद्ध स्वीकार कर लिया। 

भीमराव अम्बेडकर की शिक्षा (Education Qualification)

  • प्राथमिक शिक्षा :- इन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा प्रतापसिंह हाईस्कूल जो सतारा में राजवाड़ा चौक पर स्थित है उससे की। 7 नवंबर 1900 को इन्होंने अंग्रेजी में प्रवेश लिया और उनका स्कूल में विद्यार्थी नाम ' भिवा रामजी आंबेडकर' था जो स्कूल के रजिस्टर क्रमांक 1914 था। 
  • माध्यमिक शिक्षा:- एल्फिंस्टोन रोड मुंबई के एक सरकारी स्कूल से इन्होंने आगे की शिक्षा प्राप्त की। 
  • बॉम्बे विश्वविद्यालय में स्नातक:- साल 1960 में मैट्रिक की शिक्षा पूर्ण करने के बाद भीमराव अंबेडकर जी ने एल्फिंस्टन कॉलेज में दाखिला लिया और राजनीति विज्ञान और अर्थशास्त्र से बी.ए. की। 
  • कोलंबिया विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर:- साल 1913 में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर संयुक्त राज्य अमेरिका मात्र 22 वर्ष की उम्र में चले गए। उन्होंने बड़ौदा के राजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय ने 11.50 डॉलर प्रति माह छात्रवृत्ति देकर कोलंबिया विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर करने के लिए भेजा। उन्होंने एम.ए. में अर्थशास्त्र प्रमुख विषय, और समाजशास्त्र, इतिहास, दर्शनशास्त्र और मानव विज्ञान अन्य विषयों के रूप में चुने। साल 1916 में उन्हें अपने तीसरे शोध के लिए (इवोल्युशन ओफ प्रोविन्शिअल फिनान्स इन ब्रिटिश इंडिया) पीएचडी की उपाधि दी गई। 
  • ग्रेज़ इन में बैरिस्टर कोर्स:- अक्टूबर 1916 में भीमराव अंबेडकर लंदन चले गए और वहां उन्होंने ग्रेज़ इन में बैरिस्टर कोर्स में दाखिला लिया। और लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में दाखिला लेकर इकोनॉमिक्स में डॉक्टरेट उपाधि पाने के लिए काम किया। 
  • भारत रत्न बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के पास कुल 32 डिग्रियां थी जो उस समय किसी के पास सबसे अधिक डिग्रियां होने का रिकॉर्ड था। 
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बाबा साहब अंबेडकर के बारे में रोचक तथ्य

अंबेडकर जी की महत्वपूर्ण बातें



  • जब भारत शासन अधिनियम 1919 आया तो डॉ. भीमराव अम्बेडकर से सलाह ली गई तो उन्होंने कहा था की अछूतो के लिए अलग से चुनाव क्षेत्र हों और उनकी सीट ज्यादा रखी जाएं। 

  • साल 1918 में बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर जी ने पीने का पानी पर सबका समान अधिकार हो जिसके लिए आंदोलन छेड़ दिया था। क्योंकि दलितों की उस समय पीने के पानी को हाथ लगाने की आजादी नहीं थी। 

  • बॉम्बे हाईकोर्ट में उन्होंने दलितों की शिक्षा पर भी आंदोलन किया और दलितों के लिए शिक्षा को महत्वपूर्ण हथियार बताया। 

  • साल 1927 में भीमराव रामजी आंबेडकर ने मनु स्मृति की कॉपी जलाई थी और अछूतो के लिए आंदोलन शुरू किया था। 25 दिसंबर 1927 को मनु स्मृति को जलाने के कारण आज भी मनुस्मृति दहन दिवस 25 दिसंबर को मनाया जाता है। क्योंकि भीमराव अम्बेडकर का मानना था की मनु स्मृति में कुछ श्लोक है जिनसे समाज में भेदभाव फैला है और मनु स्मृति दलित और औरतों के खिलाफ है।


पूना पैक्ट



  • 1932 में दलितों के लिए अलग से चुनाव क्षेत्र दिए गए जिसको लेकर हिंदू समाज बढ़ने की आशंका थी इसीलिए गांधीजी ने डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के साथ 25 सितंबर 1932 को पूना पैक्ट पर हस्ताक्षर किए। 

  • पूना पैक्ट के अनुसार गांधीजी और भीमराव अंबेडकर अंग्रेजों से किसी भी तरीके की संधि नहीं करेंगे। लेकिन दलित वर्ग के लिए सीटें 71 से बढ़ाकर 148 कर दी गई। 


भीमराव अम्बेडकर की मौत की कहानियां



  • बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को हुई। लेकिन इनकी मृत्यु का कारण आज तक पता नहीं चल पाया है भारत सरकार से आरटीआई में कई बार पहुंचा गया लेकिन उनकी तरफ से भी यही जवाब आता है। 

  • भारत के संविधान निर्माता की मौत का असली कारण किसी को भी नहीं पता लेकिन उनकी मौत का कारण मधुमेह को बताया जाता है। 

  • भरतपुर के महाराजा बच्चू सिंह ने मारा :- सोशल मीडिया और बाकी जगह यह दावा खूब तेजी से चर्चा में है कि संसद भवन में डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भरतपुर के राजा बच्चू सिंह ने गोली मार दी थी लेकिन इसके कोई पुख्ता सबूत अभी तक सामने नहीं आए हैं। 


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बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर का राजनीतिक जीवन

प्रथम कानून और न्याय मंत्री 15 अगस्त 1947 से 6 अक्टूबर 1951
संविधान मसौदा समिति के अध्यक्ष 29 अगस्त 1947 से 24 जनवरी 1950
भारत की संविधान सभा के सदस्य 9 दिसंबर 1946 से 24 जनवरी 1950
वायसराय की कार्यकारी परिषद में श्रम मंत्री 22 जुलाई 1942 से 20 अक्टूबर 1946
बॉम्बे विधान सभा में विपक्ष के नेता 1937 से 1942
मुंबई विधानसभा की सदस्य 1937 से 1942