क़ुतुब मीनार का इतिहास, लंबाई और रोचक तथ्य हिंदू और जैनों का अधिकार | Qutub Minar History, Height, Architecture, Facts In Hindi

क़ुतुब मीनार (Qutb Minar) विश्व की सबसे ऊंची ईंटो से बनी मीनार है। यह दक्षिणी दिल्ली के महरौली में स्थित है, जिसकी लंबाई 72.5 मीटर है। इसका निर्माण अंतिम हिंदू शासक के हारने के बाद 1193 ई. में कुतुबुद्धीन ऐबक द्वारा करवाया गया।

पर्यटन स्थल का नाम (Tourist Destination Name)क़ुतुब मीनार (Qutb Minar)
अवस्थित (Located)मेहरौली (दिल्ली)
नींव (Foundation)कुतुब-उद-दीन ऐबक द्वारा 12वीं शताब्दी ई. में
निर्माण (Construction)13वी शताब्दी ई.
जीर्णोद्धारमुहम्मद बिन तुगलक एवं फिरोज शाह तुगलक द्वारा
ऊंचाई (Height)लगभग 234 फीट (72.5 मीटर)
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल में शामिल1993, ( कुतुब मीनार और उसके स्मारकों)
पत्थरों का प्रकार लाल बलुआ पत्थरों से निर्मित
लिखावट और सजावट सतह पर कुरान के आयतों से महीन अरबी सजावट
स्थापत्य शैली (Architectural Style)इस्लामी वास्तुकला
संदर्भ संख्या 233
प्रवेश शुल्क (Entrance Fees)₹40 (भारतीय), ₹600 (विदेशी)।
समान कहा से लाया 27 हिंदू मंदिरों को ध्वस्त करने के बाद जो कचरा प्राप्त होता है उससे उसे बनाया गया है।
दूसरा नाम विष्णु ध्वज या विष्णु स्तम्भ या ध्रुव स्तम्भ
मुख्य प्रवेशद्वार अलाई दरवाजा
qutub minar
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कुतुब परिसर में 2 मस्जिदें भी है, जिनमे से एक मस्जिद कुव्वत उल इस्लाम उत्तर भारत की सबसे पुरानी मस्जिद है। राजधानी दिल्ली में ये इमारत भारतीय-इस्लामी संस्कृति का बेहद खूबसूरत उदाहरण है।

कुतुब मीनार का निर्माण कुतुबुद्दीन ऐबक ने शुरू करवाया लेकिन वो इसे पूरा नहीं करवा सके। बाद में इल्तुतमिश ने इसे पूरा करवाया। अलाउद्दीन खिलजी ने भी इसमें निर्माण कार्य करवाया और इसका मुख्य प्रवेशद्वार अलाई दरवाजा 1311 ई. ने बनकर पूरा हुआ।

qutub minar
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कुतुब परिसर में कुतुब मीनार के अलावा मदरसा, कब्र के साथ साथ और कई महत्वपूर्ण ढांचे है।

इतिहास | History

साल 1199 ई. में दिल्ली सल्तनत के संस्थापक कुतुब-उद-दीन-ऐबक ने इसका निर्माण कार्य शुरू करवाया यह शुरुआत में सिर्फ एक मंजिला इमारत था जिसका नाम कुतुब मीनार था जिसके बाद कुतुब-उद-दीन-ऐबक के दामाद शम्सुद्दीन इत्मुनिश ने 1220 ई. में इसमें तीन मंजिलें जोड़कर इसका काम पूरा करवाया। यह मीनार प्राकृतिक आपदाओं के कारण कई बार क्षतिग्रस्त हुई जिसे फिरोज शाह तुगलक ने मरम्मत करके ठीक करवाया। बाद में मुगल शासक शेरशाह सूरी ने इसमें एक मंजिल और जोड़कर इसे आज का रूप दिया।

qutub minar
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कुतुब मीनार के आसपास घूमने लायक जगह

महरौली पुरातत्व पार्क:- यह कुतुब मीनार परिसर से सटा हुआ 200 एकड़ में फैला एक पुरातत्व पार्क है। इसमें 1060 ईस्वी में तोमर राजपूतों द्वारा निर्मित लाल कोट के खंडहर शामिल हैं।

इल्तुतमिश का मकबरा:- यह दिल्ली का सुल्तान हुआ करता था जिसका मकबरा आज भी बिना छत के है।

कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद:- भारत की सबसे पुरानी मस्जिद है।

इमाम जामिन का मकबरा:- एक सूफी संत की कब्र है जो तुर्केमिस्तान से भारत आया।

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क़ुतुब मीनार हिंदू और जैन विवाद

क़ुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद कुतुब मीनार परिसर में बनी है जिसमे दर्जनों हिंदू और जैन मंदिरों के स्तंभों और पत्थरों का इस्तेमाल किया गया। और कुछ हिंदू संगठनों ने तो इसे मस्जिद मानने से इंकार कर दिया और कहा की ये एक मंदिर है इसमें पूजा का अधिकार होना चाहिए।

qutub minar
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क्या आप जानते हैं? Amazing Facts

  • दिल्ली के सुल्तान कुतुबुद्दीन ऐबक अफगानिस्तान में स्थित जाम की मीनार से प्रभावित थे और वे उससे भी बड़ी मीनार बनाना चाहते हैं जिसके कारण उन्होंने कुतुब मीनार काम शुरू करवाया।
  • कुतुब मीनार परिसर में स्थित लौह स्तंभ बहुत पुराना होने के बावजूद उसमे आज तक जंग नही लगी।

क़ुतुब मीनार कैसे पहुंचे?

  • हवा मार्ग:- कुतुब मीनार से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जो देश के शहरो के साथ विदेशी पर्यटकों की आने में भी मदद करेगा।
  • रेल मार्ग:- सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन दिल्ली रेलवे स्टेशन है जो एक राजधानी रेलवे स्टेशन है जिसके कारण भारत के किसी भी हिस्से से आप आसानी से यात्रा कर सकते है।
  • सड़क मार्ग:- दिल्ली भारत की राजधानी है और एक विकशित शहर भी जिसके कारण राष्ट्रीय राजमार्गो सहित सड़को का जाल दिल्ली में बिछा हुआ है।
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कुतुब मीनार में कितनी मंजिल है?

कुतुब मीनार 5 मंजिल की है जिसमे प्रत्येक मंजिल पर एक बालकनी है।

कुतुब मीनार (Qutb Minar) कौनसे पत्थर से बनाई गई है?

कुतुब मीनार की पहली तीन मंजिली लाल बलुआ पत्थर से बनाई गई हैं और तीसरी और चौथी मंजिल मार्बल और बलुआ पत्थर के मेल से बनी है।

Qutub Minar के लोह स्तंभ के बारे में किवदंती क्या है?

कुतुब मीनार परिसर में 7 मीटर ऊंचा एक लौह स्तंभ है इसके बारे में कहा जाता हैं की अगर आप इसे पीठ लगाकर घेराबंद करते हो तो आपकी मनोकामना पूरी हो जाएगी।

कुतुब मीनार का व्यास और ऊंचाई कितनी है?

Qutub Minar का व्यास आधार पर 14.32 मीटर है और जैसे जैसे ऊपर की ओर जाते है व्यास घटता जाता है और शीर्ष पर 2.75 मीटर हो जाता है। वहीं 72.5 मीटर को लंबाई के साथ ये दुनिया की ईंट से बनी सबसे ऊंची मीनार है।

कुतुब मीनार में कितनी सीढ़िया है?

कुतुब मीनार में 379 सीढ़िया है जिससे आपको इसकी विशालता का पता लग जायेगा। लेकिन अब। आपको सीढ़ियों के सहारे मीनार में ऊपर जाने की अनुमति नहीं है।

कुतुब मीनार घूमने का सबसे अच्छा समय कब है?

कुतुब मीनार सप्ताह के सातों दिन खुला रहता है और आप यहां कभी भी जा सकते है लेकिन गर्मियों में दिल्ली की गर्मी आप जानते ही है जिसके कारण सर्दियों में जाना बेहतर होगा।

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