के परासरण जिनका नाम केशव परासरण है जिनका जन्म 9 अक्तूबर 1927 को श्रीरंगम, तमिलनाडु, भारत में हुआ। यह पेशे से एक वकील है जिन्होंने राम मंदिर का केस सुप्रीम कोर्ट में लड़ा था और 94 वर्ष की उम्र में श्री राम का भूमि पूजन को टीवी पर लाइव देखा। इन्हे 2003 में पद्म भूषण और 2011 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया। श्री राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट का ऑफिस भी इन्ही के घर में बनाया गया।
के परासरण जीवन परिचय | K. Parasaran biography in Hindi
नाम | के परासरण (K. Parasaran) |
प्रसिद्धि | राम मंदिर का केस सुप्रीम कोर्ट में लड़ना |
जन्म | 9 अक्तूबर 1927 (अभी जिंदा है) |
पुरस्कार | पद्म भूषण (2003) पद्म विभूषण (2011) सबसे प्रतिष्ठित वरिष्ठ नागरिक (2019) स्वराज पुरस्कार (2020) |
पेशा | वकील |
पत्नी का नाम | श्रीमती सरोजा परासरणी |
K. Parasaran का परिवार
के परासरण के पिताजी का नाम आर केशव अयंगर और माताजी का नाम श्रीमती रंगनायकी था। उनका विवाह 1949 में श्रीमती सरोजा परासरणी से हुआ। उनके दो बेटे और तीन बेटियां है।
के परासरण राज्यसभा सांसद और भारत के महान्यायवादी
के परासरण को 29 जून 2012 से 28 जून 2018 तक राज्यसभा का सांसद नामित किया गया। और 9 अगस्त 1983 से 8 दिसंबर 1989 वे भारत के महान्यायवादी रहे जब भारत के प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी थे।
हां, K. Parasaran का श्री राम में अटूट विश्वास था और वो उनके केस को हिंदू धर्म के अनुसार जूते पहनकर नही लड़ सकते उन्होंने इसी कारण ये केस चप्पल जूते खोलकर लड़ा।
K. Parasaran के बच्चो का नाम मोहन परासरण, सतीश परासरण, बालाजी परासरण है।
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