साबरमती भारत की एक नदी है, जिसका उद्गम स्थल राजस्थान के उदयपुर के झाड़़ौल की पहाड़ियों से होता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार स्वयं शिव जी गंगाजी को गुजरात भोगवा के नाम से लाए। हरनाव नदी, वेतरक नदी, वाकल नदी इसकी प्रमुख सहायक नदियां है।
नदी का नाम | साबरमती (Sabarmati Nadi) |
अपवाह क्षेत्र में आने वाले राज्य | राजस्थान और गुजरात |
साबरमती के किनारे प्रमुख शहर | गांधीनगर, गुजरात |
उद्गम स्थल | झाड़़ौल की पहाड़ियों, अरावली पर्वतमाला, उदयपुर, राजस्थान, भारत |
मुहाना / कहा जाकर गिरती है? | खंभात की खाड़ी, गुजरात |
साबरमती नदी की लंबाई | 231 मील ( 371 किलोमीटर) |
साबरमती नदी की सहायक नदियाँ
साबरमती नदी से अनेक नदियां आकर मिलती है इसकी प्रमुख सहायक नदियों की लिस्ट निम्न लिखित है।
- सेई नदी – जो उत्तर प्रदेश से बहती है।
- वाकल नदी – ये भी राजस्थान और गुजरात के बीच बहती है।
- हरनाव नदी
- वेतरक नदी
- गुईई नदी
- हथमती नदी – इसका उद्गम भी अरावली की पहाड़ियां, गुजरात है।
- मेसवा नदी
- माजम नदी
- खारी नदी – राजस्थान के भीलवाड़ा के पास।
- मोहर नदी
साबरमती नदी का अपवाह तन्त्र
साबरमती नदी दक्षिणी राजस्थान और गुजरात से गुजरती है। इसके पूर्व दिशा में बनास नदी बेसिन और माही नदी बेसिन है।
साबरमती नदी राजस्थान के किन किन जिलों से गुजरती है?
- उदयपुर
- सिरोही
- पाली
- डूंगरपुर
पूर्व की ओर ढाल होने के कारण ये गुजरात के खम्भात की खाड़ी में जाकर गिरती है।
साबरमती नदी गुजरात में किन किन जिलों से गुजरती है?
- आनंद
- अहमदाबाद
- गांधीनगर
- मेहसाना
- साबरकांठा आदि गुजरात के जिलों से Sabarmati nadi निकलती है।
साबरमती नदी का इतिहास
पौराणिक कथाओं के अनुसार साबरमती नदी का पुराना नाम भोगव है, जिसका जन्म जब हुआ तब भगवान शिव शंकर स्वयं गुजरात में गंगाजी को लेकर आए।
अहमदाबाद और गांधीनगर की स्थापना
गुजरात की राजधानी गांधीनगर और अहमदाबाद दोनो ही साबरमती नदी के किनारे बसे हुए है इनके बारे में रोचक कहानियां प्रसिद्ध है।
कहते है गुजरात सल्तनत के सुल्तान अहमद शाह एक बार खरगोश का पीछा करते हुए कुत्ते को देखा लेकिन खरगोश भाग निकला और उसके साहस से प्रेरित होकर उन्होंने अहमदाबाद का निर्माण करवाया।
साबरमती नदी के रोचक तथ्य
- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का प्रमुख आश्रम साबरमती नदी के किनारे ही स्थित है।
- साबरमती नदी पर एक बांध भी है, जो गुजरात के मेहसाना में है जिसका नाम धरोई बांध है।
- साबरमती नदी में वर्तमान में मछली पालन भी किया जाता है।