Kanika Kapoor Wedding Album: देखें शादी का फोटोशूट
पोंगल दक्षिण भारत का एक हिंदू त्यौहार है, जिसे इस साल शुक्रवार, 14 जनवरी 2022 से सोमवार, 17 जनवरी 2022 तक मनाया जायेगा। Pongal festival को विशेष रूप से तमिल किसान धूम धाम से मनाते है। यह तमिल कैलेंडर के पहले महीने तई महीने की एक तारीख से मनाया जाता है। हर साल पोंगल 14 या 15 जनवरी के आसपास शुरू होता है और इसमें सूर्यदेव की पूजा अर्चना की जाती है।
Contents
किन देशों में मनाया जाता है? | भारत, श्रीलंका, मलेशिया, संयुक्त राज्य अमेरिका, इंडोनेशिया, मॉरीशस, सिंगापुर, यूके, दक्षिण अफ्रीका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, ओमान, बहरीन, कुवैत में तमिल, तेलुगु लोग इसे मनाते है। |
किस धर्म के | हिंदू धर्म (जो हिंदुस्तान में रहते है सभी हिंदू है) |
महत्व | किसानों के लिए महत्वपूर्ण चार दिन तक सूर्य देव की आराधना में चलने वाला त्यौहार। |
समारोह आयोजन | पोंगल पकवान, घरों की साफ सफाई और सजावट, प्रार्थना और एक दूसरे को बधाई के साथ उपहार देना। |
2022 में तारीख | 14 जनवरी 2022 से सोमवार, 17 जनवरी 2022 तक। |
त्यौहार ये भी इसी की तर्ज पर | मकर संक्रांति , माघ बिहू , उत्तरायण , माघी , माघ संक्रांति , शकरेन, लोहड़ी |
इस त्यौहार का आधिकारिक नाम पोंगल है, जिसका अर्थ होता है उबालना जो दूध के साथ गुड मिलकर नई फसल चांवल से बने पकवानों को प्रदर्शित करता है। फिर इस बनाए गए प्रसाद को पोंगल देवी के साथ साथ गाय बैलों को भी अर्पित किया जाता है। और परिवार के लोग भी इसे चाव से खाते है।
भोगी पोंगल पोंगल के पहले दिन को कहते हैं इस दिन पुराने सामान को घर से निकाल दिया जाता है और नए सामान को घर में लाया जाता है। कचरे के ढेर को इकट्ठा कर उसे जलाया जाता है और लोग जश्न मनाते हैं।
बारिश के देवता इंद्र देव की पूजा अर्चना की जाती है और बारिश की कामना को जाति है।
जिसे सूर्य पोंगल या पेरुम पोंगल भी कहा जाता है यह दूसरा दिन होता है जिसमे हिंदू भगवान सूर्य देव को पूजा की जाती है। इस दिन पकवान सूर्य के ताप से बनाया जाता है।
मट्टू पोंगल यह तीसरा दिन है और इसमें गाय बैलों और खेती में काम आने वाले मवेशियों की पूजा की जाती है। और उनको अच्छे से सजाया जाता है और उनके सींगो को सजाना सबसे महत्वपूर्ण है।
कनुम पोंगल जिसे कानू पोंगल कहा जाता है, यह pongal का आखिरी दिन होता है। इस दिन सभी बाहर रह रहे लोग वापस अपने घरों को आते हैं और बच्चे बड़ों से आशीर्वाद लेते हैं और एक दूसरे से मिलकर हिंदुत्व को आगे बढ़ाते हैं।
पोंगल त्यौहार का उल्लेख तिरुवल्लूर, चेन्नई के एक विष्णु भगवान के वीरराघव मंदिर के शिलालेख में मिलता है। इस शिलालेख वार्षिक पोंगल दिवस मानने के लिए मंदिर को भूमि अनुदान करने का उल्लेख करता है।
संस्कृत और तमिल परंपराओं के विद्वान एंड्रिया गुतिरेज़ के अनुसार पोंगल पकवान का उल्लेख चोल राजाओं के समय का है। चोल वंश और विजयनगर साम्राज्य के मंदिरों में शिलालेखो में पकवान बनाने को विधि पोंगल के समान है लेकिन मसाले और मात्राओं में भिन्नता पाई जाती है।
pongal Festival पर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण पोंगल पकवान तैयार करना होता है जिसे चावल में गुड़ और दूध में उबालकर बनाया जाता है। इसमें स्वाद के लिए काजू, किशमिश, बादाम और चने भी डाल दिए जाते है। नारियल और गाय का घी भी पोंगल व्यंजन में डाला जाता है।
पोंगल डिश मिट्टी के बर्तन में बनाया जाता है और इसे फूल पत्तियों से सजाया जाता है और हल्दी की जड़ों से भी इसे बांधा जाता है।
आपको पोंगल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी डॉट कॉम वेबसाइट से मिल जायेगी।
इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी आपको जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी डॉट कॉम वेबसाइट पर मिल जायेगी।
यह त्यौहार भारत में तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और पद्दुचेरी के तमिल लोगो द्वारा मनाया जाता है। और श्रीलंका, मॉरिशस, मलेशिया, दक्षिणी अफ्रीका, सिंगापुर और यूएस, यूके के साथ साथ कनाडा में भी मनाया जाता है।
NZ vs SL 1st ODI Today Match: श्रीलंका बनाम न्यूजीलैंड का पहला वनडे मैच शनिवार…
WPL 2023, UPW vs MI Today Match: वूमेंस प्रीमियर लीग में एलिमिनेटर मुकाबला उत्तर प्रदेश…
Bihar Board BSEB Class 12th Result Marksheet Download Direct Link Official Website Sarkari Result in…
India vs Australia 3rd ODI: भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया वनडे सीरीज का तीसरा मुकाबला कल दोपहर…
MA Chidambaram Stadium Pitch Report: एमए चिदंबरम स्टेडियम, चेन्नई में समुद्र के किनारे से कुछ…
Rajasthan SET Admit Card 2023 Sarkari Result: राजस्थान स्टेट स्टेट एलिजबिलिटी टेस्ट (SET) के एडमिट…