यह तीन शब्दों से मिलकर बना है पवन मुक्त और आसान जिसमे पवन का अर्थ हवा और मुक्त जा अर्थ छोड़ना और आसान का अर्थ योग मुद्रा है।
पवनमुक्तासन योगासन के द्वारा मानव शरीर ने मौजूद दूषित वायु को बाहर निकाला जाता है। पवनमुक्तासन को अंग्रेजी में Gas Release pose कहा जाता है, पाद निकालने के लिए पवनमुक्तासन को किया जाता है।
पवनमुक्तासन योग कैसे करे?
- पीठ के बल जमीन पर सीधे लेट जाए।
- घुटनो को मोड़ ले और फिर पैर के तलवों को जमीन पर लगाए।
- सांस अंदर लेते हुए दोनो घुटनो को छाती की तरफ ले जाए और अपने हाथो से वीडियो में दिखाई गई मुद्रा से पकड़ ले और 20 सेकंड सांस रोककर रखे।
- अब घुटनो को छोड़ते हुए सांस को भी छोड़े और ये क्रिया पांच से छः बार करे।
पवनमुक्तासन योग के लाभ क्यों करते है पवनमुक्तासन
- मानव पेट के लिए बहुत ही लाभदायक
- एसिडिटी में आराम मिलता है।
- पेट खराब होने पर पवनमुक्तासन करने से लाभ मिलता है।
- पेट की बढ़ी हुई चर्बी को भी कम करने में मददगार साबित होगा।
- कमर दर्द, साइटिका, हृदय रोग और गठिया में भी लाभ मिलता है।
- महिलाओ में गर्भाशय से संबंधित रोगों में पवनमुक्तासन के अपने ही लाभ है।
- रीढ़ की हड्डी के साथ कमर के निचले हिस्से में तनाव कम होता है।
पवनमुक्तासन योग में सावधानियां
- कमर दर्द की वाले व्यक्ति को पवनमुक्तासन योग नही करना चाहिए। या किसी योग गुरु की सलाह ले ले।
- घुटनो में दर्द वाले व्यक्ति को भी पवनमुक्तासन योग नही करना चाहिए।
- हार्नियां रोग से पीड़ित व्यक्ति को पवनमुक्तासन से बचना चाहिए।
- स्त्रियों को मासिक धर्म के समय पवनमुक्तासन नही करना चाहिए।