महिला अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन
- 12 मार्च 2010 में महिलाओ को स्थायी कमीशन देने का आदेश दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया उसे वायु सेना और नेवी ने तो मन लिए लेकिन इंडियन थल सेना में ये मामला सुप्रीम कोर्ट चला गया।
- 17 फरवरी 2020 और 25 मार्च 2021 सुप्रीम कोर्ट के आदेश से महिलाओ को स्थायी कमीशन देना पड़ा।
- सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद शाॅर्ट सर्विस कमीशन से चुनी गई महिला अधिकारी भी परमानेंट कमीशन ले सकती है।
महिला Indian army अधिकारियों ने कहा की 20 साल से ज्यादा सर्विस पर महिलाओ का ना होना भारतीय सेना की महिला विरोधी मानसिकता को दिखाता है इससे महिलाओ को आत्मविश्वास भी कम हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार महिलाओ के लिए स्थायी कमीशन बनाने के आदेश
- भारत के सुप्रीम कोर्ट ने 30 अक्टूबर 2021 को भारत सरकार को आदेश दिए कि वह जल्द से जल्द इस पर फैसला ले।
- महिलाओ को स्थायी कमीशन 29 अक्टूबर को दिया गया।
- दरअसल महिला आर्मी की 72 अफसरों ने अवमानना का आरोप लगाया था जिनमे से सिर्फ 39 को ही स्थायी कमीशन दिया गया 25 को नही जिसके ऊपर सवाल खड़े किए जा रहे है और कोर्ट ने कहा है कि सरकार जल्द से जल्द इसका जवाब दे।
क्यों नही दिया जा रहा 25 महिलाओ को स्थायी कमीशन
- 72 में से 39 को स्थायी कमीशन दे दिया गया है, और 7 को सेना ने मेडिकल अनफिट पाया जिसके कारण वो इसकी पात्र नही बन पाई। और 25 को अनुशासनहीनता के गंभीर आरोप के कारण कमीशन नही दिया गया।
- क्या कहना है महिलाओ का – महिलाओ सेना अफसरों ने कहा की सेना बेबुनियाद आधार पर उनकी 20 साल से ज्यादा नौकरी पर सवाल कर रही है।
कैसे होती है महिला अधिकारियों की नियुक्ति
- इंडियन आर्मी में महिला अधिकारियों की नियुक्ति short service commission के माध्यम से फिलहाल की जाती है।
- भारतीय सेना में एसएससी अधिकारियों को 10 वर्षो के लिए चुना जाता है जिसे बाद में 4 वर्ष के लिए बढ़ाया जा सकता है।
- लेकिन पुरुष अधिकारियों के पास 10 साल की सर्विस देने के बाद permanent commission चुनने का अधिकार होता है। लेकिन महिला अधिकारियों को ये चुनाव का अधिकार नही था।
- इससे महिला अधिकारियों के सामने समस्या आती थी की उनको कमान नियुक्तियों से बाहर रखा जाता और वह पेंशन के लिए भी पात्र नही होती क्योंकि 20 साल के बाद ही पेंशन दी जाती है।
महिला अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन के लाभ
- महिलाओं को इससे समानता का अधिकार मिलेगा और महिलाओं को अपने आप में आत्मविश्वास की अनुभूति होगी।
- अमेरिका इजरायल रूस जैसे देशों में समानता से परमानेंट कमिशन दिया जा चुका है और इसकी की तर्ज पर भारत में भी यह परमानेंट कमिशन दिए जाने का बहुत बढ़िया कदम है।
- भारतीय सेना में महिलाओं की सशक्त बनाए रखने के लिए एक सशक्त कदम है।
- स्थायी कमीशन के बाद भारतीय सेना से महिलाओ को पेंशन का लाभ भी मिल सकेगा।
सेना में महिला अधिकारियों की भर्ती और स्थायी कमीशन
- सबसे पहले भारतीय सेना में सन् 1992 में महिलाओं को 5 वर्ष के लिए भर्ती किया गया।
- लेकिन 2006 में एसएससी के तहत महिला अधिकारियों को 10 साल तक नियुक्त किया जाने लगा और उनके कार्यकाल को 14 वर्ष तक बढ़ाया जाने लगा।
- 2003 में दिल्ली उच्च न्यायालय में महिला अधिकारियों ने स्थायी कमीशन की मांग की। और 2010 में उनको permanent commission दे दिया गया।
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