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Digital India Act क्या है? इसका उद्देश्य, जरूरत और फायदे

डिजिटल इंडिया अधिनियम की तरफ सभी का ध्यान केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने एक सम्मेलन के दौरान खींचा।

Digital India Act In Hindi 2022: जानें क्या है डिजिटल इंडिया अधिनियम

वर्तमान में भारतीय सरकार सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत सोशल मीडिया, ओटीटी प्लेटफार्म और ई कॉमर्स को नियंत्रित करती है। लेकिन तकनीकी में लगातार बदलाव हो रहे है जैसे मेटावर्स और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी आदि जो उस समय नहीं थी जिनके लिए भी नियम होना जरूरी है जिसपर भारत सरकार का ध्यान अब जा चुका है और जल्द आप डिजिटल इंडिया अधिनियम भारत में देखेंगे।

Business Standard | 19 अगस्त 2022: डिजिटल इंडिया अधिनियम का उद्देश्य इंटरनेट को मुक्त और सुरक्षित स्थान बनाना है: क्या ये हो सकेगा? | इस कानून को सिंगापुर, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन के समान माना जा रहा है।

बिजनेस स्टैंडर्ड के अनुसार भारत सरकार शीतकालीन सत्र में डिजिटल इंडिया अधिनियम (DIC) लाने जा रही है वह काफी हद तक सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन के समान है।

क्या क्या चीजें है जिन्हे इस कानून के अंतर्गत लाया जाएगा?

इस DIGITAL INDIA ACT के तहत जो कुछ भी वर्तमान में इंटरनेट की दुनिया में आपको देखने को मिलता है उसे भारतीय कानून के अंतर्गत लाना सरकार का उद्देश्य है।

  • इसके जरिए सोशल मीडिया जैसे : फेसबुक, ट्विटर, व्हाट्सएप, सिग्नल आदि पर हो रहे अपराधों की निगरानी और सजा का प्रावधान होगा।
  • ओटीटी प्लेटफार्म जैसे : एमेजॉन प्राइम वीडियो, डिज्नी प्लस होटस्टार आदि पर कंटेंट की निगरानी का प्रावधान बनाया जायेगा।
  • ब्लॉकचेन और मेटावर्स जैसे टेक्नोलॉजी पर भी निगरानी रखी जायेगी और बच्चो एल साथ महिलाओं के लिए खास प्रबंध किए जायेंगे।
The Economic Times | 19 August 2022: डिजिटल इंडिया एक्ट: सरकार कैसे सोशल मीडिया, ओटीटी और मेटावर्स को ट्रैक करने की योजना बना रही है? | सरकार शीतकालीन सत्र में नया डिजिटल कानून पेश करेगी यह कानून ट्विटर, फेसबुक और मेटावर्स में गलत सूचना और हिंसा भड़काने वालो पर लगाम कसेगा और नेटफ्लिक्स और अमेज़न प्राइम जैसे ओटीटी पर भी निगरानी करेगा।

क्या है Digital India Act की जरूरत

  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 काफी पुराना है जिसके कारण एक नए स्वरूप की आवश्यकता है।
  • पिछले दो दशकों में ऑनलाइन दुनिया में काफी बदलाव हुई हैं जो सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम 2000 में उल्लेखित नहीं है।
  • ऑनलाइन दुनिया में बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा करना सरकार का कर्तव्य है और जिसे सरकार इस कानून के जरिए सुनिश्चित करना चाहती है।
  • निजी डेटा को लेकर भी भारत में अभी तक कोई सख्त कानून नहीं है।

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Ram Singh Rajpoot

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