जब कंपनी अपने profit का कुछ हिस्सा अपने शेयर होल्डर्स के साथ शेयर करती है, उसे dividend कहते है। वर्तमान में भारत में 10 लाख तक के dividend पर शेयर होल्डर्स को कोई टैक्स नहीं देना पड़ता।
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Dividend rules शेयर मार्केट में लाभांश से संबंधित नियम
- अपने share holders को डिविडेंड देना किसी भी कंपनी के लिए अनिवार्य नही होता है।
- अगर कोई कंपनी हर बार अपने लाभांश का हिस्सा अपने शेयर होल्डर्स के साथ बांट रही है तो आपको इसकी गारंटी नही है की वो आगे भी dividend देगी।
- Dividend देने से संबंधित सभी अधिकार कंपनी के Board of directors के पास होते है।
- आपने देखा होगा छोटी कंपनी बहुत कम ही dividend देती है क्योंकि अभी उन्हें और ग्रो करना है।
- कंपनी हमेशा dividend अपने शेयर की face value पर ही देती है। जैसे किसी कंपनी के शेयर की कीमत मार्केट में ₹10000 है और फेस वैल्यू ₹100 है, और कंपनी कहती है की हम इस बार 100% dividend देने वाले है तो वो इस बार हर शेयर पर ₹100 देने वाली है।
dividend yield क्या होता है उदाहरण सहित
dividend yield का अर्थ कंपनी ने अपने शेयर की मार्केट वैल्यू का कितना प्रतिशत dividend (लाभांश) दिया है।
जैसे दो कंपनी Jaipur और alwar दोनो ने अपने प्रत्येक शेयर पर ₹20 डिविडेंड दिया है तो आप dividend yield का प्रयोग कर कंपनी की मार्केट वैल्यू से dividend का प्रतिशत निकाल सकते हो।
Jaipur कंपनी के शेयर की कीमत ₹500 और उसने dividend दिया है ₹20 तो आप 20÷500×100 करदे जिससे dividend का प्रतिशत 4% निकलकर आएगा और ऐसे ही आप दूसरी कंपनी alwar के शेयर की कीमत ₹2000 होगी तो इसके dividend का प्रतिशत 1% निकलेगा।
dividend yield को शेयर प्राइस प्रभावित करती है या कई बार कंपनियां ही ज्यादा dividend देती है।