Nirjala Ekadashi Vrat 2022: हिंदू धर्म कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है। इस बार 2022 में Nirjala Ekadashi Vrat Date(तिथि) 10 जून 2022 को 7 बजकर 30 मिनट से 11 जून 2022 को 5 बजकर 30 मिनट तक रहेगी। इस एकादशी व्रत में पानी पीना भी वर्जित माना गया है, इसलिए इसे निर्जला एकादशी कहा जाता है।
![निर्जला एकादशी 2022 m तिथि, मुहूर्त, मंत्र, कथा, आरती और एकादशी के लाभ और शुभ समय](https://jodhpurnationaluniversity.com/wp-content/uploads/2021/12/निर्जला-एकादशी-2022-1024x576.png)
निर्जला एकादशी व्रत मुहूर्त तिथि 2022 | nirjala ekadashi Muhurt Tithi 2022
व्रत का नाम | निर्जला एकादशी 2022 (Nirjala Ekadashi 2022) |
अनुयाई | सभी भारतीय और मुस्लिम जो हिंदू से परिवर्तित हुए है |
उद्देश्य | आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है |
तिथि (Tithi) | मलमास(ज्येष्ठ) की शुक्ल एकादशी |
भारत में समय (DATE & TIME IN INDIA) | 10 जून 2022 को 7 बजकर 30 मिनट से 11 जून 2022 को 5 बजकर 30 मिनट |
विशेषता | पानी नही पिया जाता |
निर्जला एकादशी व्रत कथा | nirjala ekadashi fasting story in hindi
पांडव एकादशी या भीमसेनी एकादशी नाम पड़ने की कहानी
![जब महान ऋषि वेदव्यास जी ने पांडवों को धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष आदि का ज्ञान कराने वाली एकादशी का व्रत करने को कहा तो भीम ने कहा पितामह आपने तो प्रति पक्ष एक दिन व्रत करने को कहा है लेकिन मैं तो एक दिन क्या एक समय भी भोजन बगैर नही रह सकता। मेरे पेट में जो वक्र नाम की अग्नि है उसे शांत करने के लिए मुझे तो दिन में कई बार कई लोगो जितना भोजन करना पड़ता है मैं तो इस व्रत से वंचित रह जाऊंगा। तब पितामह ने भीम की समस्या का हल करते हुए कहा की धर्म की यही विशेषता है वह सबको धारण करने के साथ साथ सबको सहज साधन भी उपलब्ध करवाता है। आप जेयेष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एक ही एकादशी का व्रत करो आपको इस साल की सारी एकादशियो का लाभ मिलेगा। और निश्चित ही तुम सुख यश और मौक्ष प्राप्त करोगे। पितामह की यह बात सुनकर भीमसेन व्रत करने के लिए तैयार हो गए और उसी दिन से इस एकादशी को करने से साल भर की सभी एकादशियों का लाभ मिलता है।](https://jodhpurnationaluniversity.com/wp-content/uploads/2021/12/जब-महान-ऋषि-वेदव्यास-जी-ने-पांडवों-को-धर्म-अर्थ-क...ाे-को-कहा-है-लेकिन-मैं-तो-एक-दिन-क्या-एक-समय-भी-.png)
निर्जला एकादशी मंत्र | Nirjala Ekadashi mantra in hindi
भारत भर में एकादशी का व्रत किया जाता है जिसमे भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और निर्जला के साथ आप सभी एकादशियों पर ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नामक मंत्र का जप किया करें और भगवत गीता जरूर पढ़े।
निर्जला एकादशी पूजा विधि | Nirjala Ekadashi pooja vidhi in Hindi
- निर्जला एकादशी के व्रत को पुरुष और स्त्री दोनों कर सकते हैं।
- इस व्रत में आपको भगवत गीता का पाठ करना चाहिए और कम से कम एक भगवत गीता दूसरे व्यक्ति को जरूर दें और उसे पढ़ने के लिए कहें।
- ओम नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते हुए आपको सभी लोगों को पानी पिलाना चाहिए।
- सभी धर्मों के लोगों को भगवत गीता का वितरण करना आपके लिए लाभकारी हो सकता है।
निर्जला एकादशी व्रत महत्व | NIRJALA EKADASHI VRAT MAHATVA in Hindi
निर्जला एकादशी का व्रत करने से आपको साल भर होने वाली 23 एकादशी ओं का व्रत करने की इतनी खास आवश्यकता नहीं रहती। इससे आपको यश धन-दौलत और आपके मनोकामना की पूर्ति होती है।
निर्जला एकादशी व्रत आरती | Nirjala Ekadashi vrat aarti
![ॐ जय एकादशी, जय एकादशी, जय एकादशी माता । विष्णु पूजा व्रत को धारण कर, शक्ति मुक्ति पाता ॥ तेरे नाम गिनाऊं देवी, भक्ति प्रदान करनी । गण गौरव की देनी माता, शास्त्रों में वरनी ॥ मार्गशीर्ष के कृष्णपक्ष की उत्पन्ना, विश्वतारनी जन्मी । शुक्ल पक्ष में हुई मोक्षदा, मुक्तिदाता बन आई ॥ पौष के कृष्णपक्ष की, सफला नामक है। शुक्लपक्ष में होय पुत्रदा, आनन्द अधिक रहै ॥ नाम षटतिला माघ मास में, कृष्णपक्ष आवै। शुक्लपक्ष में जया, कहावै, विजय सदा पावै ॥ विजया फागुन कृष्णपक्ष में शुक्ला आमलकी । पापमोचनी कृष्ण पक्ष में, चैत्र महाबलि की ॥ चैत्र शुक्ल में नाम कामदा, धन देने वाली । नाम बरुथिनी कृष्णपक्ष में, वैसाख माह वाली ॥ शुक्ल पक्ष में होय मोहिनी अपरा ज्येष्ठ कृष्णपक्षी। नाम निर्जला सब सुख करनी, शुक्लपक्ष रखी । योगिनी नाम आषाढ में जानों, कृष्णपक्ष करनी । देवशयनी नाम कहायो, शुक्लपक्ष धरनी ॥ कामिका श्रावण मास में आवैं, कृष्णपक्ष कहिए। श्रावण शुक्ला होय पवित्रा आनन्द से रहिए ॥ अजा भाद्रपद कृष्णपक्ष की, परिवर्तिनी शुक्ला । इन्द्रा आश्विन कृष्णपक्ष में, व्रत से भवसागर निकला ॥ पापांकुशा है शुक्ल पक्ष में, आप हरनहारी । रमा मास कार्तिक में आवै, सुखदायक भारी](https://jodhpurnationaluniversity.com/wp-content/uploads/2021/12/विष्णु-पूजा-व्रत-को-धारण-कर-शक्ति-मुक्ति-पाता॥-410x1024.png)
- देवोत्थानी शुक्लपक्ष की, दुखनाशक मैया। पावन मास में करूं विनती पार करो नैया॥
- परमा कृष्णपक्ष में होती, जन मंगल करनी। शुक्ल मास में होय पद्मिनी दुख दारिद्र हरनी॥
- जो कोई आरती एकादशी की, भक्ति सहित गावै। जन गुरदिता स्वर्ग का वासा, निश्चय वह पावै॥
Nirjala Ekadashi FAQ
आपको 2022 में आने वाली निर्जला एकादशी की संपूर्ण जानकारी जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी डॉट कॉम वेबसाइट पर मिल जाएगी।
इसकी जानकारी आपको जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी डॉट कॉम वेबसाइट पर मिल जायेगी।
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