अध्यादेश की परिभाषा और अर्थ
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 213 के अनुसार राज्यपाल राज्य में और अनुच्छेद 123 के अनुसार राष्ट्रपति केंद्र में अध्यादेश जारी कर सकते है। जैसा कि आप सभी जानते हैं राष्ट्रपति नाम मात्र की कार्यपालिका है इसी कारण मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री की सलाह पर अध्यादेश जारी करता है और उसका प्रभाव संसद में बने अधिनियम के जितना ही प्रभावी होता है।
ऐसे ही राज्य में राज्यपाल मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल की सलाह से अध्यादेश जारी करता है।
अध्यादेश के संबंध में कुछ नियम
अध्यादेश(ordinance) जारी तभी किए जा सकते हैं जब संसद के सत्र नहीं चल रहे हैं और राज्य में विधानसभा के सत्र नहीं चल रही हों।
यदि अध्यादेश 6 माह के अंदर संसद में पेश और 6 सप्ताह के भीतर संसद में कानून के रूप में पारित नहीं होते हैं तो उन्हें रद्द मान लिया जाता है।
अध्यादेश और विधेयक में अंतर
अध्यादेश को राज्यसभा और लोकसभा दोनों में पूर्ण बहुमत मिलने के बाद उन्हें पारित मान लिया जाता है और राज्य में विधानसभा और कई राज्य में विधान परिषद है वहां दोनों में पूर्ण बहुमत से जिससे देश को पारित किया जाता है उसे कानून बना दिया जाता है।
अध्यादेश केंद्रीय मंत्रिमंडल और प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा तुरंत लागू कर दिया जाता है लेकिन कोई भी विधेयक दोनों सदनों में पारित होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर से कानून बनता है और लागू किया जाता है।
राज्य में मुख्यमंत्री और मंत्री मंडल की सलाह पर अध्यादेश लाकर तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया जाता है लेकिन विधेयक को सदन में पारित करने के बाद राज्यपाल की अनुमति मिलनी चाहिए।
इसकी जानकारी आपको जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी.कॉम वेबसाइट पर मिल जायेगी।
इसकी जानकारी आपको जोधपुर नेशनल यूनिवर्सिटी.कॉम वेबसाइट पर आसानी से मिल जायेगी।