बाला किला भारत के राजस्थान राज्य के अलवर जिले में स्थित है, जिसे कुंवारा किला भी कहा जाता है। अरावली की पहाड़ियों में स्थित ये दुर्ग पहाड़ी पर है, जिसकी प्राचीर 5 किलोमीटर तक फैली है। बाला किला में 6 प्रवेश द्वारा है।
बाला किला प्रवेश द्वार नाम
- चांद पोल
- सूरज पोल
- कृष्ण पोल
- लक्ष्मण पोल
- अंधेरी गेट
- जय पोल
गेटो का इतिहास भी अपना अलग अलग है कहा जाता है की सूरज पोल का निर्माण महाराजा सूरजमल ने करवाया था, इसलिए इसका नाम सूरज पोल पड़ा।
सामरिक महत्व से अलवर दुर्ग
किले में बंदूक से गोलियां चलाने के लिए 446 छिद्र बने हुए है। 15 बड़े टॉवर 51 छोटे टॉवर भी किले की सुरक्षा के लिए बनाए गए है। यह किला कभी भी आक्रमण ना होने वाले दुर्गों में गिना जाता है।
बाला किला के निर्माता इतिहास
बाला किला का निर्माण हसन खां मेवाती ने किया और 1545 ई. से 1755 ई. तक ये किला मुगल शासकों के अधीन रहा। निकुंभ और शिल्प जाति को भी कुंवारा दुर्ग का निर्माता कहा जाता है।
कहा जाता है की बाद में बाला दुर्ग पर 1775 ई. राजपूत नरूका शासक प्रताप सिंह नरूका ने अपना अधिकार स्थापित कर लिया।
मुगल शासक बाबर और जहांगीर ने भी इस किले में शरण ली है, कहा जाता है की बाबर ने किले में महज एक रात गुजारी थी, और जिस कमरे में मुगल शासक जहांगीर रुके उसे आज भी सलीम महल के नाम से जाना जाता है।
पर्यटकों के कुछ सामान्य सवाल
हां आप बाला किला में कार ले जा सकते है लेकिन आपको 90 रुपिए या कितने का भी टिकट लेना पद सकता है।
हां आपको बाइक का चार्ज और लोगो का टिकट लेना पड़ेगा।
आसपास तो जानवर हो सकते है लेकिन आपको किले में बिलकुल शांत माहौल मिलेगा। आपके लिए ये इलाका जानवरों से रहित है।