खिलजी वंश | संबंधित प्रश्न UPSC PDF (दिल्ली सल्तनत 1290 से 1320 ई.)

Khilji Dynasty In Hindi Rulers, Map, Upsc Notes In Hindi: आपको खिलजी वंश के बारे में संपूर्ण जानकारी इस पोस्ट में आसान भाषा में मिल जाएगी।

कई इतिहासकार खिलजी वंश को तुर्क नही मानते लेकिन कई कहते है की तुर्को

की 64 शाखाएं मानते है जिनमे से एक खिलजी वंश को मानते है। खिलजी वंश की भारत में नींव को खिलजी क्रांति भी कहा जाता है।

खिलजी वंश का संपूर्ण इतिहास
वंश का नाम (Dynasty Name)खिलजी वंश (Khilji Dynasty)
आधिकारिक भाषा फारसी
धर्म सुन्नी इस्लाम(आधिकारिक)
क्षेत्र गुजरात, मालवा, उज्जैन, दिल्ली ( वर्तमान भारत और पाकिस्तान के कुछ इलाके)

स्थापना

  • खिलजी वंश की स्थापना 13 जून, 1290 ई. को जलालुद्दीन फिरोज खिलजी ने की थी। इसने गुलाम वंश के शासक को हराकर Khilji Dynasty की नींव डाली।

राजधानी

  • जलालुद्दीन खिलजी ने अपनी राजधानी किलोखरी को बनाया इसका राज्याभिषेक भी यही हुआ था।
खिलजी वंश का क्षेत्र मैप (Map)
Map Of Khilji Dynasty (Delhi Sultanate)

प्रमुख शासक

  • जलालुद्दीन खिलजी (1290 से 1296 ई.)
  • अलाउद्दीन खिलजी (1296 से 1316 ई.)
  • शिहाबुद्दीन उमर ख़िलजी (1316 ई.)
  • कुतुबुद्दीन मुबारक ख़िलजी (1316 से 1320 ई.)
  • नासिरुद्दीन खुसरवशाह (1320 ई.)

खिलजी वंश का प्रथम शासक जलालुद्दीन खिलजी और अंतिम शासक नासिरुद्दीन खुसरवशाह था। कई जगह अंतिम शासक का नाम गयासुद्दीन खिलजी मिलता है।

प्रमुख कवि

  • अमीर खुसरो :- इनका मूल नाम मुहम्मद हसन था वह एक सूफी संत थे। अमीर खुसरो बलबन से लेकर मुहम्मद तुगलक तक दिल्ली दरबार में रहे। इन्हे तूटिए हिंदी (भारत का तोता) नाम से भी जाना जाता था।
  • हसन देहलवी :- यह एक उर्दू कवि थे जो कुरान और हदीस का गायन किया करते थे।

मुख्य बिंदु

  • इस वंश का सबसे लोकप्रिय शासक अलाउद्दीन खिलजी रहा।

खिलजी वंश के शासकों की सूची

नाम व्यक्तिगत नामशासनकाल
जलाल-उद-दीन खिलजीमलिक1290 ई.1296 ई. तक
अलाउद्दीन खिलजी अली गुरशस्प1296 ई. 1316 ई. तक
शिहाब-उद-दीन खिलजीउमर खान1316
कुतुब-उद-दीन मुबारक खिलजीमुबारक खान1316 ई. 1320 ई. तक
नासिरुद्दीन खुसरवशाहअंतिम खिलजी शासक 15 अप्रैल से 27 अप्रैल, 1320 ई.

जलालुद्दीन फ़िरोज ख़िलजी

  • दिल्ली सल्तनत में खिलजी वंश के संस्थापक जलालुद्दीन ख़िलजी ने 1290 ई. से लेकर 1296 ई. तक राज किया।
  • यह एक क्रूर शासक था जिसने भिलसा एवं देवगिरि में अपने भतीजे के द्वारा लूटमार करवाई।
  • मुस्लिमो के रहने के लिए मुगलपुर नामक बस्ती का निर्माण करवाया।
  • जलालुद्दीन ख़िलजी की हत्या उसके भतीजे और दामाद अलाउद्दीन खिलजी ने अपने भाई अलमास वेग की मदद से कड़ामानिकपुर(इलाहबाद) में 1296 ई. में की थी।

अल्लाहुद्दीन या अलाउद्दीन खिलजी

  • 12 अक्टूबर 1296 को अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली का सुल्तान बना।
  • अलाउद्दीन खिलजी ने सेना को नगद वेतन और स्थाई सेना रखना शुरू कर दिया।
  • मूल्य नियंत्रण प्रणाली : व्यापारियों की बेईमानी रोकने के लिए काम तौलने वाले व्यक्ति के शरीर से मांस काट लेने का आदेश दिया।
  • यह मेवाड़ की महारानी पद्मिनी की सुंदरता पर मोहित हुआ करता था।
  • यह हिंदुओ को पीड़ित करने का हर संभव प्रयास करता और उनके लिए कठिन नीतियां बनाता।
  • अलाउद्दीन खिलजी ने अलाई दरवाजा‘ अथवा ‘कुश्क-ए-शिकार‘ का निर्माण करवाया।
अलाउद्दीन खिलजी द्वारा चलाए गए खिलजी साम्राज्य के सिक्के
कुतुब मीनार
कुतुब मीनार

प्रमुख लड़ाइयां

  • गुजरात विजय:- साल 1298 ई. में अहमदाबाद के निकट कर्णदेव वाघेला और अलाउद्दीन की सेना में युद्ध हुआ और कर्णदेव वाघेला हार गए।
  • जैसलमेर :- राजपूत शासक दूदा और सहयोगी तिलक सिंह से 1299 ई. में अलाउद्दीन खिलजी का युद्ध हुआ और उसे जीत हासिल हुई।
  • रणथम्भौर की विजय :- साल 1301 ई. में इसने रणथंभौर के शासक हम्मीरदेव पर आक्रमण किया और हम्मीरदेव वीतगति को प्राप्त हुए।
  • इसके अलावा इसने चित्तौड़, मेवाड़, सौंख मथुरा, मालवा, जालौर, देवगिरी, तेलंगाना और होयसल पर अपना अधिकार किया।

शिहाबुद्दीन उमर ख़िलजी

  • अलाउद्दीन खिलजी ने इसे ही अपना उत्तराधिकारी घोषित किया और मलिक काफूर के साथ इसने 35 दिन दिल्ली सल्तनत पर राज।
  • मलिक काफूर की हत्या अलाउद्दीन खिलजी के तीसरे पुत्र मुबारक खिलजी ने करवाई और इसे अंधा कर दिया।

क़ुतुबुद्दीन मुबारक़ ख़िलजी

  • इसने 19 अप्रैल 1316 ई० से 15अप्रैल,1320ई० तक दिल्ली पर शासन किया।
  • इसकी भी हत्या इसके खास खुुुसरो खां ने को और शासन अपने कब्जे में ले लिया।

नासिरुद्दीन खुसरवशाह

  • यह एक हिंदू शासक था जो बाद में मुसलमान बना सभी भारतीय मुसलमान इसे ही बने है।
  • इसका शासनकाल मात्र 12 दिन का रहा।

खिलजी वंश के पतन के कारण

  • अलाउद्दीन खिलजी के बाद के शासकों का कमजोर होना:- साल 1316 में अलाउद्दीन खिलजी की मृत्यु हो गई उसने अपने सबसे छोटे बेटे उमर को गद्दी का उत्तराधिकारी घोषित किया और मालिक काफूर को उसका संरक्षक नियुक्त किया लेकिन बाद में मलिक काफूर बहुत शक्तिशाली हो गया, और शासन स्वयं चलाने लगा।
  • मुबारक खिलजी की गलत नीतियां:- मुबारक खिलजी ने गद्दी पर बैठते ही सभी सैनिकों को 6 माह का अग्रिम वेतन दे दिया और अलाउद्दीन खिलजी द्वारा बनाए गए सख्त कानून समाप्त कर दिए।
  • गुजरात विद्रोह :- अल्प खां की हत्या के बाद गुजरात ने दिल्ली की हुकूमत मानने से इंकार कर दिया लेकिन मुबारक खिलजी ने सेना भेजकर वापिस सत्ता कायम कर ली।
  • देवगिरी हिंदू राजाओं का विद्रोह:- हरपाल देव ने मुबारक खिलजी का विरोध किया लेकिन हारने के बाद उसकी जिंदा खाल खिंचवा ली गई।
  • आंतरिक विद्रोह:- अलाउद्दीन खिलजी ने मलिक काफूर को अपना करीबी बनाया वही मुबारक खिलजी ने खुसरो को अपना प्रिय बनाया।
  • उत्तराधिकारियों की अयोग्यता:- अलाउद्दीन खिलजी के बाद कोई भी खिलजी वंश का शासक उसके जितना बुद्धिमान और चालक नहीं हुआ।
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