भाखड़ा नांगल परियोजना | Bhakra-Nangal River Project, India In Hindi
भाखड़ा नांगल परियोजना भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजनाओं में से एक है यह हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में शिवालिक पहाड़ियों के नीचे सतलज नदी पर स्थित है। साल 1909 में पंजाब के तत्कालीन गवर्नर सर लुइ डेन भाखड़ा स्थान को देख कर कहा था कि यहां एक विशाल बांध बनाया जा सकता है। उसके बाद साल 1944 में तत्कालीन भारतीय सरकार ने इस योजना को स्वीकार किया और 1946 में बांध का निर्माण कार्य शुरू किया गया। लेकिन भारत की आजादी और विभाजन के कारण काम को रोक दिया गया और बाद में 1948 में इसका निर्माण कार्य पुन: आरंभ किया गया। और साल 1963 में अमेरिकी इंजीनियर हार्वे स्लोकेम ने बांध के निर्माण कार्य को पूर्ण किया।
परियोजना का नाम (Project Name)
भाखड़ा नांगल नदी घाटी परियोजना (Bhakra Nangal River Valley Project)
निर्माण कब से कब तक
साल 1946 से 1963 तक
उद्देश्य (Objective)
सिंचाई सुविधा और विद्युत उत्पादन करना
राजस्थान की हिस्सेदारी
15.2%
परियोजना में कुल खर्च (Budget)
₹236 करोड़
नहर की चौड़ाई (Width)
20 फीट
नहर की गहराई (Depth)
26 फीट
कौन कौनसे बांध
भखड़ा और नांगल दो अलग अलग बांध
बांध की ऊंचाई (Height)
740 फीट
कितनी बिजली का उत्पादन
1325 मेगावॉट बिजली
उद्देश्य
भाखड़ा नांगल योजना के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं।
सतलज और यमुना नदी के बीच जो कृषि क्षेत्र है उसके लिए सिंचाई के साधनों को उपलब्ध कराना।
सरहिंद नहर में पानी की मात्रा में वृद्धि करके सचाई के क्षेत्र में भी वृद्धि करना।
राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र बीकानेर को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाना।
जल विद्युत का निर्माण करके उसका वितरण करना।
नांगल योजना
नांगल गांव के निकट 29 मीटर ऊंचा बांध बनाया गया है इसपर गंगूवाल और कोटले पर एक एक जल विद्युत गृह बनाए गए है।
नांगल बांध पर 1100 किलोमीटर लंबी नहरें और 3400 किलोमीटर लंबी उपनहरें बनाई गई है।
भाखड़ा योजना
यह सतलज नदी पर भाखड़ा नामक स्थान पर 226 मीटर ऊंचा एक बांध है जिसके बायीं ओर जल विद्युत गृह तथा भाखड़ा की नहरी व्यवस्था है।
भाखड़ा बांध की आकृति अंग्रेजी के V अक्षर की भांति लगती है।
भाखड़ा बांध के बन जाने पर इसमें लगभग 164 वर्ग किलोमीटर में पानी भरा रहता है।
भाखड़ा बांध के जलाशय जिसका नाम गोविंद सागर है उसमें लगभग एक करोड़ क्यूब मीटर पानी एकत्रित करने की क्षमता है।
भाखड़ा नहरें
भाखड़ा की मुख्य नहर 175 किलोमीटर लंबी है जो रोपड़ से निकलकर पूरी पंजाब के भाग में होती हुई हिसार जिले की सीमा तक जाती है।
भाखड़ा की मुख्य नहर और उसकी शाखाओं की कुल लंबाई 1095 किलोमीटर और उप शाखाओं की लंबाई 565 किलोमीटर है।
भाखड़ा की मुख्य नहर और शाखाएं
भाखड़ा की मुख्य नहर विश्व की सबसे लंबी और बड़ी पलस्तर युक्त नहर है।
विस्त दोआब नहर
यह नहर रोपड़ के दाएं पंजाब के होशियारपुर, जालंधर, और कुछ जिलों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाती है।
नरवाना शाखा नहर
यह 124 किलोमीटर लंबी पलस्तर युक्त नहर है यह सरहिन्द से अंबाला तक रेलवे लाइन के साथ साथ चलती है और रास्ते में पटियाला नदी, घाघरा नदी, मार्कण्ड नदी को पार करती है। इसका मुख्य उद्देश्य सिरसा और करनाल को पानी देना है।
सरहिन्द नहर प्रणाली
भाखड़ा नहर से सरहिंद नहर के पानी की मात्रा बढ़ जाती है और कई जिलों में सिंचाई भी होती है।
भाखड़ा नांगल योजना के लाभ
सिंचाई :- भाखड़ा नांगल परियोजना से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान राज्यों के लगभग 155 लाख हैक्टेयर भूमि को सिंचाई का लाभ मिलता है।
विद्युत उत्पादन :- भाखड़ा नांगल परियोजना के अंतर्गत 12.04 लाख किलोवाट जल विद्युत का उत्पादन किया जाता है जिसका लाभ राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली को मिलता है।
बाढ़ नियंत्रण में सहायक :- सतलज नदी में आने वाली भयंकर बाढ़ को रोकने में ये परियोजना काफी हद तक सहायक हुई है।
उद्योगो का विकास :- भाखड़ा नांगल परियोजना से बिजली का उत्पादन होता है जिससे राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में कारखाने खोले जा सकते है।
अकाल से होने वाली समस्याओं से मुक्ति :- पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के जिन क्षेत्रों में अकाल से कृषि नही हो पाती थी इससे छुटकारा मिला और उद्योगों को भी ज्यादा कच्चा माल मिलने लगा।
रोजगार के अवसरों में वृद्धि :- परियोजना में हजारों कर्मचारियों को रोजगार मिला है और कृषि क्षेत्र में और विद्युत क्षेत्र में भी कई लोगों को रोजगार मिला है।
कृषि को बढ़ावा :- कृषि क्षेत्र में भी अच्छी वृद्धि हुई है और विभिन्न फसलों का उत्पादन भी यहां बड़ा है साथ ही पशुओं को चारा गांव भी उपलब्ध होता है और चारे की समस्या भी हल होती है।
मछलीपालन :- जैसे-जैसे परियोजना का विकास हुआ है वैसे वैसे यहां मछली पालन को बढ़ावा मिला है और यहां बड़ी मात्रा में मछली पकड़ी जाने लगी हैं।
रोचक तथ्य | Amazing Facts
भाखड़ा नांगल परियोजना पंजाब में सतलुज नदी पर स्थित भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं में से एक है।
भाखड़ा नांगल बांध का मुख्य उद्देश्य सिंचाई है लेकिन इससे 1325 मेगावॉट बिजली का उत्पादन भी होता है।
भाखड़ा नांगल बांध भारत का दूसरा सबसे ऊंचा बांध है जिसकी ऊंचाई 740 फीट है। वही पहले स्थान पर आने वाले टिहरी बांध की ऊंचाई 856 फीट है।
यह परियोजना 2 अलग अलग बांधो को मिलकर बनी है जिसमे भाखड़ा बांध दूसरे नांगल बांध से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
भाखड़ा नांगल परियोजना राजस्थान, पंजाब और हरियाणा की संयुक्त परियोजना है। इसमें राजस्थान की हिस्सेदारी 15.2% है।
भाखड़ा बांध दिल्ली की कुतुब मीनार से लगभग तीन गुना ऊंचा है।
FAQ
भाखड़ा नांगल नहर की चौड़ाई और गहराई कितनी है?
नहर की गहराई करीब 26 फुट है और चौड़ाई 20 फुट है। कई बार आपको इसकी चौड़ाई देखकर गहराई का अंदाजा नहीं हो पाएगा जिसके कारण कई लोग इसमें नहाने के लिए कूद जाते है और कई बार दुर्घटना हो जाती है।
भाखड़ा नांगल परियोजना में होने वाला कुल खर्च कितना था?