Sarogesi Pregnancy Prosess In Hindi Wikipedia Drishti IAS: सरोगेसी प्रेगनेंसी क्या है सब लोग इसे जानना चाहते हैं तो आप सही पोस्ट पर आए है आपको पूरी जानकारी मिलेगी।
परिचय / अर्थ
Sarogesi को हिंदी में स्थानापन्न मातृत्व कहते है, इसके जरिए कोई कपल किसी कारण से बच्चा अपनी कोख में पैदा नहीं करना चाहता तो वो एक किराए पर सरोगेट मदर ले सकते है और उसकी कोख में अपना बच्चा पाल सकते है और उनके बीच एग्रीमेंट होता है की कोख से बच्चा पैदा होने के बाद सरोगेसी कराने वाले कपल का होगा।
साधारण शब्दों में सरोगेसी का अर्थ ” किसी दूसरी महिला को कोख में एग्रीमेंट पर अपने बच्चे को पालना” सरोगेसी या स्थानापन्न मातृत्व कहलाता है।
चर्चा में क्यों
- हाल ही में अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा सरोगेसी के द्वारा एक बच्ची की मां बनी है। इससे सरोगेसी प्रेगनेंसी प्रक्रिया लोगो के मन में आई है।
- सरोगेसी प्रक्रिया ने इससे पहले प्रीति जिंटा, शिल्पा शेट्टी और शाहरुख खान जैसे बड़ी हस्तियों को संतान दी है।
सरोगेसी के प्रकार
सरोगेसी के 2 प्रकार होते है जो निम्न प्रकार है
- ट्रेडिशनल सरोगेसी :- इसमें होने वाले पिता के स्पर्म को सरोगेट मां के एग्स से मैच करवाया जाता है इस प्रकार सरोगेट मदर ही बच्चे की बॉयोलॉजिकल मां होती है।
- जेस्टेशनल सरोगेसी :- इसमें सरोगेट मदर बच्चे की बॉयोलॉजिकल मां नही होती बल्कि असली मां का एग ही उसके यूट्रस में स्थापित किया जाता है और पिता बनने वाले व्यक्ति के सपर्म से मैच करवाया जाता है।
सरोगेसी के नियम / कानून
भारत जैसे देश में सरोगेसी के दुरुपयोग हो सकते है जिसे देखते हुए सरकार ने बहुत नियम तय किए हुए है।
- जैसा की आप सभी को पता है की पैसे की कमी के कारण गरीब महिलाएं ही सरोगेट मदर बनती है, इसलिए भारत सरकार ने कॉमर्शियल सरोगेसी पर 2019 में पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया था।
- सरोगेसी के लिए सरोगेट मदर के पास मेडिकल रूप से फिट होने का सर्टिफिकेट होना चाहिए, तभी वह सरोगेट मां बन सकती है।
- वहीं दूसरी ओर सरोगेसी का सहारा लेने वाले कपल के पास इस बात का मेडिकल प्रमाण पत्र होना चाहिए कि वो इनफर्टाइल हैं और किसी भी कारण से बच्चे को जन्म नही दे सकते।
- सरोगेसी रेगुलेशन बिल 2020 : इसके तहत इक्षुक महिलाएं सरोगेट बन सकती है। इस बिल में इसको थोड़ा लचीला बनाया गया है।
धार्मिक बंधन
ईसाई धर्म में सरोगेसी
ईसाई धर्म में दो समुदाय है और दोनो का मत अलग अलग है कैथलिक इसे सही नही मानते तो प्रोटेस्टेन्ट भी इसे कुछ हद तक सही मानते है लेकिन ईसाई दुनिया का सबसे ज्यादा विकसित धर्म है तो लोगो का मानना है की वो इसे आसानी से मानेंगे।
यहूदी धर्म
यहूदी धर्म ने सरोगेसी प्रेगनेंसी प्रक्रिया को काफी हद तक स्वीकार किया है।
इस्लाम धर्म
मुसलमानों के शरिया क़ानून के अनुसार सरोगेसी को गैर कानूनी माना गया है इसके अनुसार पैदा होने वाले बच्चे को सही वंश नही मिल पाता।
हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख
यह सभी प्राचीनतम भारतीय धर्म है जो बच्चे को पैदा करना जिम्मेदारी ही नही अपने मन और तन से जुड़ा मानते है यहां सरोगेट मदर के बजाय बच्चे को गोद लेना ज्यादा बेहतर समझते है।
अन्य मुख्य बिंदु / निष्कर्ष
- हालांकि भारत में सरोगेट मदर बनने के लिए कानूनी प्रक्रिया कठिन है लेकिन फिर भी पैसे के लिए गरीब महिलाएं सरोगेसी प्रक्रिया से बच्चे को जन्म देती है।
- यह एक अच्छी तकनीक है जिससे जो लोग मां या पिता नही बन सकते उनके लिए ये वरदान से कम नहीं।
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