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बिम्सटेक क्या है? | शिखर सम्मेलन, अध्यक्ष, स्थापना, मुख्यालय, उद्देश्य, सदस्य देश (BIMSTEC Full Form, Summit, Members, Headquarter In Hindi)

बिम्सटेक (BIMSTEC) बंगाल की खाड़ी के पास के देशों का एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। जिसमे भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार, श्रीलंका और थाइलैंड शामिल है। इसकी स्थापना 6 जून 1997 को बैंकॉक में की गई।

BIMSTEC Logo

प्रमुख बिंदु

  • बिम्सटेक के सदस्य देशों में पाकिस्तान को शामिल ना करने का कारण उसकी आतंक समर्थक गतिविधियां है।
  • BIMSTEC देशों में 1.80 अरब लोग रहते है जो एक बड़ी जनसंख्या है।
  • बिम्सटेक देशों का सकल घरेलू उत्पाद(GDP) 3.8 ट्रिलियन डॉलर के आसपास है।
  • इसमें 14 प्राथमिक क्षेत्रों की पहचान करके सभी देशों का उसमे आपसी सहयोग सुनिश्चित किया गया है।
  • भारत बिम्स्टेक में अपने व्यय का 32 फीसदी योगदान देता है।
संगठन का नाम पूरा नाम (Full Form)बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation)
आधिकारिक वेबसाइट (Official Website)bimstec.org
सचिवालय (Secretariat) ढाका, बांग्लादेश
अध्यक्षता (presiding)श्रीलंका
स्थापना (Establishment)6 जून 1997
महा सचिव (General Secretary)तेनज़िन लेकफेल (भूटान)

बनने की पृष्ठभूमि

सबसे पहले संस्थापक देशों ने बांग्लादेश, भारत, श्रीलंका, थाइलैंड ने मिलकर BIST-EC बनाया। जिसमे 22 दिसंबर 1997 को म्यांमार शामिल हुआ और इसका नाम बिम्स-ईसी कर दिया गया। नेपाल बाद में साल 1998 में पर्यवेक्षक देश के रूप में जुड़ा। और साल 2004 फरवरी में नेपाल और भूटान पूर्ण सदस्य बन गए। और 31 जुलाई 2004 को इसका नाम BIMSTEC (बिम्सटेक) पड़ा।

सदस्य देश

बिम्सटेक में शामिल देशों की संख्या 7 है जिनमे बंगाल की खाड़ी के पास बसे देश है।

  1. बांग्लादेश
  2. भारत
  3. भूटान
  4. नेपाल
  5. श्रीलंका
  6. म्यांमार (बर्मा)
  7. थाइलैंड
बिम्सटेक के देशों का नक्शा

उद्देश्य

  • सभी देश सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी सहायता करेंगे, एक दूसरे को प्रशिक्षण दे सकेंगे।
  • सदस्य देशों के बीच आपसी व्यापार में आने वाली दिक्कतों को कम करना।
  • सभी देशों में सहयोग और समानता की भावना
प्राथमिकता क्षेत्रमुख्यालय, मुख्य देशविशेष
परिवहन और संचारभारत
पर्यटनबिम्सटेक पर्यटन सूचना केंद्र, दिल्ली, भारत
आतंकवाद विरोधी और अंतरराष्ट्रीय अपराधभारत(इंटेलिजेंस शेयरिंग, श्रीलंका)
(टेरर फाइनेंसिंग, थाईलैंड)
(लीगल, म्यांमार) (कानून प्रवर्तन और नशीले पदार्थ, म्यांमार)
पर्यावरण और आपदा प्रबंधनबिम्सटेक मौसम और जलवायु केंद्र, नोएडा, भारत
ऊर्जाबिम्सटेक एनर्जी सेंटर, बेंगलुरु, भारत (प्रमुख देश म्यांमार)
सार्वजनिक स्वास्थ्यथाइलैंडभारत में पारंपरिक चिकित्सा का बिम्सटेक नेटवर्क
कृषिम्यांमारकृषि प्रधान देश
व्यापार और निवेशबांग्लादेश
प्रौद्योगिकीश्रीलंका
मछली पालनथाइलैंड
जन दर जन संपर्कथाइलैंड
गरीबी उन्मूलननेपाल
जलवायु परिवर्तनबांग्लादेश
सांस्कृतिक सहयोगभूटानभारत द्वारा 1200 ITEC छात्रवृत्तियां दी जाती है।

बिम्सटेक शिखर सम्मेलन लिस्ट (BIMSTEC Summit List)

क्रम. संख्यादिनांक (Date)मेजबान देश का शहर
1 (पहला)31 जुलाई 2004बैंकाक, थाइलैंड
2 (दूसरा)13 नवंबर 2008नई दिल्ली, भारत
3 (तीसरा)4 मार्च 2014नेपीडॉ, म्यांमार
4 (चौथा)30-31 अगस्त 2018काठमांडू, नेपाल
5 (पांचवा)2022 (प्रस्तावित)कोलंबो, श्रीलंका
13 नवंबर, 2008 को नई दिल्ली में बिम्स्टेक शिखर सम्मेलन में भाग लेने वाले अन्य राष्ट्राध्यक्षों के साथ प्रधान मंत्री, डॉ मनमोहन सिंह।

चुनौतियां

बिम्सटेक (BIMSTEC) इतना उपयोगी होते हुए भी एक सफल संगठन नहीं माना जा सकता जिसके निम्नलिखित कारण है।

  • बिम्सटेक की शुरुआत में हर 2 वर्ष में शिखर सम्मेलन करने का फैसला लिया गया, लेकिन 2018 तक 20 वर्षों में इसकी सिर्फ चार शिखर सम्मेलन हो सके है।
  • सदस्य देशों का भी बिम्सटेक के प्रति रुझान कुछ फीका है भारत इसका उपयोग तभी करता है जब सार्क के माध्यम से असफल रहता है और म्यांमार और थाईलैंड जैसे देश आसियान की तरफ ज्यादा आकर्षित हैं।
  • बिम्सटेक का उद्देश्य व्यापारिक ना होकर एक बहुत ज्यादा भाईचारे का है और पड़ोसी देशों में इतना भाईचारा कम पाया जाता है। म्यांमार का विवाद बांग्लादेश के रोहिंग्या को लेकर चल रहा है और थाइलैंड से सीमा विवाद भी है।

भारत के लिए महत्व

  • भारत की पड़ोस पहले की नीति के अनुसार ये संगठन सबसे ज्यादा कारगर है।
  • एक्ट ईस्ट इसका मतलब है भारत को दक्षिणी पूर्वी एशिया से जोड़ना।
  • भारत के पूर्वोत्तर राज्यों का विकास बंगाल की खाड़ी से जुड़कर आसानी से हो सकता है।
भारत का नक्शा तिरंगे झंडे के रंगों से भरा हुआ

सार्क और बिम्सटेक में अंतर

शार्क बिम्स्टेक
दक्षिण एशिया में बंगाल की खाड़ी देशों का क्षेत्रीय संगठन दक्षिण एशिया और दक्षिणी पूरी एशिया को जोड़ने वाला संगठन
1985 में शीत युद्ध से पहले का संगठन1997 में स्थापित शीत युद्ध के बाद का संगठन
सदस्य देशों में एकता नहीं है और विवाद चलता रहता हैसदस्य देशों में अभी तक बहुत कम विवाद है
क्षेत्रीय राजनीति भी प्रभाव डालती हैराजनीति का कम हस्तक्षेप
शक्ति संतुलित देश शामिल नहीं भारत और थाइलैंड जैसे शक्ति संतुलित देश शामिल
क्षेत्रीय व्यापार में केवल 5% वृद्धि क्षेत्रीय व्यापार में 6% वृद्धि
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Ram Singh Rajpoot

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