Good Friday क्या है?
गुड फ्राइडे (Good Friday) एक ईसाई त्योहार है, इस दिन ईशा मसीह को शूली पर चढ़ाया गया था जिससे उनकी मृत्यु के उपलक्ष्य में इसे मनाया जाता है। इसे गुड फ्राइडे (Good Friday)
Good Friday 2022 कब है?
गुड फ्राइडे (Good Friday) ईसाई धर्म के पवित्र सप्ताह में ईस्टर (Easter) से पहले आने वाले शुक्रवार (Friday) को मनाया जाता है जिसकी दिनांक 15 अप्रैल 2022 है।
जिस तरह ईस्टर (Easter) की कोई तारीख निश्चित नहीं होती उसी प्रकार गुड फ्राइडे की तारीख भी निश्चित नहीं होती लेकिन ईस्टर रविवार (Easter Sunday) से पहले आने वाले शुक्रवार को गुड फ्राइडे मनाया जाता है और ईस्टर चंद्र कलैंडर के अनुसार मनाया जाता है।
खुशी नही शोक दिवस है Good Friday
- ईसाइयों के लिए गुड फ्राइडे का दिन खुशी का दिन ना होकर शोक का दिन होता है कहा जाता है की यहूदी शासक ईसा मसीह से बहुत चिढ़ते थे इसलिए उन्होंने ईसा मसीह को खूब शारीरिक और मानसिक यातनाएं दी और अंत में शुक्रवार (Friday) के दिन उनको शूली पर चढ़ा दिया।
- कहा जाता है की ईसा मसीह ने ये दुख इंसानियत और मानव जाति के लिए सहे और हंसते हंसते सूली पर चढ़ गए।
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मरने से पहले प्रभु यीशु (ईसा मसीह) के आखिरी शब्द कहानी
- ईसा मसीह को क्षमा का सबसे बड़ा देवता माना जाता है जब यहूदी शासक उन्हे सूली पर लटका रहे थे तब भी उन्होंने अपनी हिम्मत, सयंम और क्षमा का त्याग नही किया और मरते समय उनके मुख से आखिरी शब्द “हे ईश्वर इन्हें क्षमा करें, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।” निकले।
- जब ईसा मसीह सूली पर चढ़ाया गया तो उनको 6 घंटे तक सूली से लटकाए रखा जिनमें आखिरी 3 घंटे तक कहा जाता है की रात हो गई थी और जब उनके शरीर से प्राण निकले तो जलजला आ गया और कब्रो के कपाट अपने आप ही खुलने लगे।
गुड फ्राइडे कैसे मनाते है ईसाई
- गुड फ्राइडे के दिन ईसाई चर्चाओं में शाम के 3:00 बजे के आसपास प्रार्थना सभाएं आयोजित की जाती हैं लेकिन किसी भी प्रकार का समारोह आयोजित नहीं किया जाता।
- लोग इस दिन उपवास करके और चर्च की सेवाओं में भाग लेकर और सूली पर चढ़ाने के लिए जुलूस निकालने के लिए यीशु का शोक मनाते हैं।
- ईसाई लोग इस दिन उपवास करके चर्च की सेवाओं में भाग लेते हैं और भगवान यीशु को सूली पर चढ़ाने के दिन जुलूस निकालकर शोक मनाते हैं।
Good Friday का इतिहास (History)
- ईसाई धर्म के ग्रंथ बताते है की आज से लगभग 2000 साल पहले ईसा मसीह जेरूसलम में लोगो को ईश्वर का संदेश देते थे और खुद को ईश्वर का संदेश वाहक या पुत्र कहते थे जिससे कुछ लोग उनसे चिढ़ने लगे क्योंकि लोग भगवान यीशु की बातों से प्रभावित होकर उनकी बाते मानने लगे।
- इससे लोगो ने उनकी शिकायत रोम के यहूदी शासक पोंटियस पिलातुस से करदी फिर उन्होंने ईसा मसीह पर राजद्रोह का आरोप लगाकर उन्हें मृत्यु दण्ड की सजा सुनाई।
- उन्हे क्रूस या कलवारी से लटकाकर उनके हाथ पैर में कीलें ठोक दी गई। और सूली पर चढ़ाने से पहले उन्हें कांटो का ताज पहनाया गया था। और सूली को उन्हे मरते हुए कंधो पर ले जाने के लिए मजबूर किया गया।
- लेकिन उसके तीसरे दिन ही ईसा मसीह फिर जिंदा हो गए और उस दिन को ईसाई धर्म के लोग ईस्टर के रूप में मनाते है।
नही, ये ईसाई धर्म के लोगो के लिए दुख का दिन है इस दिन उनके देवता ने यातनाएं सही जिसके कारण इस दिन को हम सिर्फ Good Friday कहकर काम चला सकते है।
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