पर्यटन

स्वर्ण मंदिर को कब और किसने बनवाया? इसका इतिहास और रोचक कहानियां | हरिमन्दिर साहिब (Golden Temple Image, History In Hindi)

स्वर्ण मंदिर (Golden Temple) जिसे हरमंदिर साहिब और दरबार साहिब के नाम से जाना जाता है वह सिख धर्म का सबसे बड़ा आस्था का केंद्र एक गुरुद्वारा है जो पंजाब राज्य के अमृतसर जिले में स्थित है। इसी गुरुद्वारे में सिखों के 5 तख्तों में से एक अकाल तख़्त मौजूद है। इस तख्त पर बैठने वाला जत्थेदार सिखों का सबसे बड़ा प्रवक्ता होता है।

स्वर्ण मंदिर का परिचय, इतिहास, निर्माण और स्थापत्य
  • स्वर्ण मंदिर वैसे तो संगमरमर से बना हुआ है लेकिन इसकी दीवारों पर सोने की पत्तियों से नक्काशी की हुई है।
  • सिख धर्म के लोग जब भी मंदिर में जाते हैं तो मंदिर में जाने से पहले अपना सिर झुकाते हैं जिसे मत्था टेकना कहते हैं। और फिर हाथ, पैर और मुंह धो कर मंदिर के अंदर जाते हैं।
  • स्वर्ण मंदिर में जैसे ही आप सीढ़ियों के सहारे अंदर जाते हैं तो उन पर स्वर्ण मंदिर में हुई घटनाएं और स्वर्ण मंदिर का इतिहास लिखा हुआ है।
अन्य नाम स्वर्ण मंदिर, हरिमंदिर साहिब, दरबार साहिब, अकाल तख्त
संबंधित धर्म सिख धर्म
स्थिति अमृतसर, पंजाब, भारत
वास्तुकारश्री गुरु अर्जुन देव
निर्माण कार्य दिसंबर 1585 से अगस्त 1606 तक

Contents

स्वर्ण मंदिर के परिसर में देखने लायक चीजें

स्वर्ण मंदिर में आपको देखने के लिए अनेक चीजें मिलेंगी लेकिन आप नीचे दी गई चीजों को जरूर देखें।

अकाल तख़्त

  • सिखों के पांच तत्वों में से एक अकाल तख्त स्वर्ण मंदिर गुरुद्वारे में स्थित है जिसे सिख धर्म का सबसे बड़ा तख्त और पहला तख्त माना जाता है। अकाल तख्त की नींव नींव बाबा बुड्ढा, भाई गुरदास और गुरु हरगोबिन्द ने रखी थी।
  • हरमंदिर साहिब में स्थित अकाल तख्त पर सर्वप्रथम गुरु हरगोबिंद जी बैठे थे वर्तमान में ये शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समि‍ति‍ का कार्यालय है और सिखों के सभी निर्णय यहीं से लिए जाते है।
स्वर्ण मंदिर (Golden Temple)

हरमंदिर साहिब की चार द्वार

  • स्वर्ण मंदिर में चार प्रवेश द्वार है और चारों ही अपनी सिख स्थापत्य कला के लिए जाने जाते है साथ ही कहा जाता है की मंदिरों में जाति, धर्म के लोगो को नही जाने दिया जाता लेकिन हरिमंदिर साहिब में ऐसा नही है यहां किसी भी जाति, धर्म, लिंग, भाषा, और देश का नागरिक आ सकता है और दर्शन कर सकता है।

बेरी वृक्ष

  • बेरी वृक्ष को भी लोग देखने आते है इसके बारे में कहा जाता है की जब स्वर्ण मंदिर बनाया जा रहा था तब बाबा बुड्ढा इसी पेड़ के नीचे से काम पर नजर रखते थे जिसके कारण इसका नाम बेर बाबा बुड्ढा पद गया। वर्तमान में इसे भी तीर्थ स्थल माना जाता है।

स्वर्ण मंदिर या अकाल तख्त सरोवर

  • स्वर्ण मंदिर सरोवर के बीच में एक मानव निर्मित दी पर बना हुआ है इस सरोवर में मछलियां भरी हुई हैं और आसपास से जाने वाले श्रद्धालु और दूर से आने वाले श्रद्धालु सरोवर में डुबकी लगाते हैं।

दुखभंजनी बेरी और सरोवर के बारे में कहानी

स्वर्ण मंदिर गुरुद्वारे की दीवार पर लिखी किवदंतियों के अनुसार एक पिता ने अपनी बेटी का विवाह एक कोढ़ी व्यक्ति से कर दिया और वह लड़की उसके साथ रहने लगी एक दिन वह लड़की अपने पति को तालाब के किनारे बैठा कर गांव में भोजन की तलाश में निकल गई और तभी उसके पति ने एक कौए को सरोवर में डुबकी लगाते हुए देखा और वह डुबकी लगाते ही हंस बन गया। इसे देखने के बाद उस आदमी ने सोचा कि अगर मैं भी इस तालाब में डुबकी लगा हूं तो मेरा कोढ़ नष्ट हो सकता है और उसने तालाब में डुबकी लगा दी और उसका कोढ़ नष्ट हो गया। तब इसके पास बेरी के पेड़ थे और आज भी सरोवर के पास बीड़ी के पेड़ हैं।

स्वर्ण मंदिर (Golden Temple)

स्वर्ण मंदिर का इतिहास

  • स्वर्ण मंदिर की नींव शिक्षक गुरु श्री रामदास जी ने साल 1577 ईस्वी में रखी थी और सिखों के पांचवे गुरु श्री अर्जन देव ने 15 दिसंबर 1588 को हरिमंदिर साहिब का निर्माण शुरू करवाया।
  • स्वर्ण मंदिर को अफगान और मुगल आक्रांता ओं ने कई बार नुकसान पहुंचाने की कोशिश की लेकिन हिंदुओं और सिखों की अपार श्रद्धा होने के कारण इसे बार-बार बना दिया गया।
स्वर्ण मंदिर का इतिहास (Golden Temple History In Hindi)
स्वर्ण मंदिर के लिए काला दिन कौन सा माना जाता है?

3 से 6 जून 1984 को स्वर्ण मंदिर के इतिहास में एक काला पन्ना है इस दिन खालिस्तानी समर्थक आतंकी जनरैल सिंह भिंडरावाला अकाल तख्त में घुस गया और वहां से उन्हें निकालने के लिए ऑपरेशन ब्लू स्टार चलाया गया जिसमे अकाल तख्त को काफी नुकसान पहुंचा और उस समय की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को सिख विरोधी मान लिया गया।

स्वर्ण मंदिर का लंगर

  • गुरुद्वारों की सबसे खास बात होती है वहां के लंगर इसी तरह हरमंदिर साहिब यानी स्वर्ण मंदिर की 20 सबसे खास बात वहां का लंगर है।
  • यह लंगर साल के 365 दिन और 24 घंटे लगातार चलता रहता है यहां आने वाले श्रद्धालुओं और गरीबों के लिए यह हमेशा खुला रहता है।
  • दरबार साहिब यानी स्वर्ण मंदिर में लंगर में खाने-पीने की पूरी व्यवस्था शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समि‍ति‍ के सेवादारों को सौंपी गई है। जो मंदिर में आने वाले चढ़ावे और अन्य कोषों से लेकर मंदिर में लंगर चलाते हैं।
  • एक अनुमान के मुताबिक हरमंदिर साहिब में रोज 40 से 50 हजार लोग लंगर में खाना खाते हैं। और उनके रुकने की व्यवस्था भी श्री गुरु रामदास सराय में की गई है।
श्री गुरु रामदास सराय का निर्माण 1784 में करवाया गया जिसमे 228 कमरों के साथ 18 बड़े हॉल भी है जहां आपको रात में गद्दे और चादर की व्यवस्था मिल जायेगी और आप यहां आराम से 3 दिन तक रह सकते है।

स्वर्ण मंदिर के बारे में रोचक तथ्य

  • स्वर्ण मंदिर अमृतसर में दुनिया का सबसे बड़ा लंगर लगाया जाता है जिसमें रोज 200000 से भी अधिक रोटियां से की जाती हैं और 50,000 से भी ज्यादा लोग खाना खाते हैं।
  • स्वर्ण मंदिर में लगभग 500 किलो सोना लगा हुआ है जिसमें महाराणा रणजीत सिंह ने 7 से 9 परत लगवाई थी। लेकिन बाद में इसे 24 परतों तक किया गया।
  • बाबा दीप सिंह सिख शहीदों में सबसे प्रमुख हैं उन्होंने स्वर्ण मंदिर में मरने की कसम खाई थी इसी कारण जब साल 1757 में जहान खान से उनका सामना हुआ तो उन्होंने बहादुरी से युद्ध किया और मंदिर में जाकर ही अपनी अंतिम सांस ली।
स्वर्ण मंदिर (Golden Temple)

स्वर्ण मंदिर पहुंचने का रास्ता

  • हवाई रास्ता :- स्वर्ण मंदिर से सबसे नजदीकी हवाई अड्डा अमृतसर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा है जहां से आप टैक्सी करके आसानी से स्वर्ण मंदिर पहुंच सकते हैं।
  • सड़क मार्ग :- अमृतसर एक धार्मिक नगरी होने के कारण यहां सभी जिलों के लिए रोड की व्यवस्था है राष्ट्रीय राजमार्ग 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है अमृतसर वैसे दिल्ली से 500 किलोमीटर दूर है।
  • रेल मार्ग :- सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन अमृतसर रेलवे स्टेशन हैं दिल्ली से आप शान-ए-पंजाब या शताब्दी एक्सप्रेस पकड़कर 5 से 7 घंटे में पहुंच जाएंगे बाद में आप रिक्शा करके गुरुद्वारे की तरफ जा सकते है।
हरिमंदिर साहिब गुरुद्वारे का नाम स्वर्ण मंदिर क्यों पड़ा?

अफगान आक्रांताओ ने स्वर्ण मंदिर को कई बार बर्बाद किया लेकिन जब महाराजा रणजीत सिंह ने सिख राज्य की स्थापना की तो उन्होंने इसका संगमरमर और तांबे से निर्माण करवाया लेकिन साल 1830 में इसके गर्भगृह को सोने की पत्तियों से मंढा गया तब इसका नाम स्वर्ण मंदिर पड़ा था।

यह भी पढ़े
Ram Singh Rajpoot

Recent Posts

DC vs CSK Today Match Pitch Report: अरुण जेटली स्टेडियम पिच रिपोर्ट आज के मैच की IPL 2023 दिल्ली कैपिटल्स बनाम चेन्नई सुपर किंग्स

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल 2023) में आज का मुकाबला दिल्ली कैपिटल्स (DC) बनाम चेन्नई सुपर…

1 week ago

KKR vs LSG Today Match Pitch Report: इडेन गार्डेंस स्टेडियम पिच रिपोर्ट आज के मैच की IPL 2023 कोलकाता नाइट राइडर्स बनाम लखनऊ सुपरजायंट्स

इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल 2023) में आज का मुकाबला कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) बनाम लखनऊ…

1 week ago

PBKS vs RR Today Match Pitch Report: एचपीसीए स्टेडियम धर्मशाला पिच रिपोर्ट आज के मैच की IPL 2023 पंजाब किंग्स बनाम राजस्थान रॉयल्स

इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2023) में आज का मैच राजस्थान रॉयल्स (RR) बनाम पंजाब किंग्स…

2 weeks ago

RBSE 10th Result 2023 Date: जानें कब आएगा राजस्थान बोर्ड कक्षा 10वीं का रिजल्ट, जारी करने की तारीख आई सामने

Rajasthan Board (RBSE) Class 10th Result Kab Aayega Date?: जबसे राजस्थान बोर्ड कक्षा आठवीं का…

2 weeks ago